इराकी प्रतिरोध द्वारा गोलान हाइट्स (जोलान) में इज़रायली ठिकानों पर ड्रोन हमले
इराकी प्रतिरोध समूह ने आज सुबह यह घोषणा की कि उसने दो अलग-अलग मौकों पर कब्जे वाले गोलान हाइट्स (जोलान) के क्षेत्र में इजरायली ठिकानों पर ड्रोन हमले किए हैं। प्रतिरोध समूह के बयान में बताया गया कि ये हमले एक व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य फिलिस्तीन और लेबनान के संघर्षों में सहायता करना है। यह कार्रवाई इज़रायल द्वारा फिलिस्तीनी और लेबनानी नागरिकों, विशेषकर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के खिलाफ किए गए अपराधों के जवाब में की गई। इराकी प्रतिरोध ने जोर देते हुए कहा कि वे इस तरह की कार्रवाई को जारी रखेंगे, और इज़रायली ठिकानों पर और भी तीव्र हमले करेंगे।
इराकी प्रतिरोध का यह कदम हाल के उन बयानों के अनुरूप है, जो इज़रायल के खिलाफ उनके मजबूत रुख को दर्शाते हैं। कुछ दिन पहले, नजबा आंदोलन के राजनीतिक कार्यालय के वरिष्ठ सदस्य, फ़िरास अल यासर ने इज़रायल के खिलाफ संघर्ष में एक नए चरण की शुरुआत की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इज़रायल के साथ संघर्ष में अब नए हथियारों और तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जो युद्ध के वर्तमान विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं।
फ़िरास अल यासर ने अल-कुद्स चैनल से बातचीत में कहा था कि इज़रायल द्वारा इराक को दी जा रही धमकियाँ कोई नई बात नहीं हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इराकी प्रतिरोध हमेशा से यह उम्मीद करता रहा है कि वह इज़रायल का निशाना बनेगा। यासर ने यह भी कहा कि इज़रायल के पास इराक के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए सीमित विकल्प हैं, जिनमें मुख्य रूप से हत्या और इराकी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाना शामिल है।
उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि अगर इज़रायल इराक को निशाना बनाता है, तो इराकी प्रतिरोध इसके जवाब में युद्ध को एक नई दिशा में ले जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि न केवल इज़रायल, बल्कि अमेरिका और उसके सहयोगियों के महत्वपूर्ण हित भी इराकी प्रतिरोध के लड़ाकों की सीधी पहुंच में होंगे। इस बयान से यह संकेत मिलता है कि, इराकी प्रतिरोध की रणनीति केवल क्षेत्रीय लड़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर व्यापक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो सकता है।
यह घटनाक्रम पश्चिम एशिया में चल रहे तनाव और इज़रायल तथा उसके विरोधियों के बीच के संघर्ष को और भी अधिक जटिल बना रहा है। इज़रायल के खिलाफ इराकी प्रतिरोध की यह नई कार्रवाइयां यह संकेत देती हैं कि फिलिस्तीन और लेबनान के समर्थन में किए गए हमलों में इराकी प्रतिरोध अब और भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।