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सीरिया में अमेरिकी ठिकाने पर ड्रोन हमले, प्रतिरोधी मोर्चे की जवाबी कार्रवाई

सीरिया में अमेरिकी ठिकाने पर ड्रोन हमले, प्रतिरोधी मोर्चे की जवाबी कार्रवाई अमेरिका के अल तनफ में स्थित सैन्य ठिकानों पर ड्रोन हमलों को लेकर नित नए खुलासे हो रहे हैं।

सीरिया में अमेरिका के ठिकाने पर हुए ड्रोन हमले के बारे में ईरानी मीडिया का कहना है कि अल-तनफ में अमेरिकियों पर ड्रोन हमला पालमीरा पर इस्राईल के हमले के जवाब में किये गए थे।

अमेरिकी अधिकारियों का मानना ​​है कि पिछले हफ्ते दक्षिणी सीरिया के अल-तनफ में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ड्रोन हमले के पीछे ईरान का हाथ था।

आई मॉनिटर 24 की रिपोर्ट के अनुसार एसोसिएटेड प्रेस ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा कि अमेरिकन अधिकारीयों ने सोमवार को कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​​​है कि ईरान ने संसाधन उपलब्ध कराए थे और इस हमले को प्रोत्साहित किया था, लेकिन यह ड्रोन ईरान ने लॉन्च नहीं किए थे।

नाम न बताने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में उपयोग होने वाले ड्रोन ईरानी थे और ऐसा लगता है कि ईरान ने उनके इस्तेमाल में मदद की है। अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना ​​है कि हमलों में विस्फोटकों से लदे पांच ड्रोन शामिल थे। ड्रोन ने अल-तनफ गैरीसन के अमेरिकी पक्ष और उस क्षेत्र पर हमला किया जहां सीरियाई विद्रोही बल स्थित हैं।

हमले में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है ।लेकिन यह हमला अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुआ है।

बाइडन प्रशासन ने इस सप्ताह कहा था कि ईरान को 2015 के परमाणु समझौते में वापस लाने के अंतरराष्ट्रीय राजनयिक प्रयास “महत्वपूर्ण मोड़” पर है और अमेरिकी धैर्य अब समाप्त हो गया है। सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इस रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

किर्बी ने इसे “जटिल, समन्वित और जानबूझकर किया गया हमला” कहा । उन्होंने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहले भी ईरान द्वारा समर्थित शिया लड़ाकों को देखा है। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए विस्तार से नहीं बताया कि हमले में इस्तेमाल किए गए गोला-बारूद के बारे में उनके पास कोई अपडेट नही है।

किर्बी ने यह बताने से भी इनकार कर दिया कि क्या सैनिकों को समय से पहले चेतावनी दी गई थी या नहीं और क्या संयुक्त राज्य अमेरिका का सैन्य जवाब देने का इरादा है। किर्बी ने कहा, “विदेश में हमारे बलों की सुरक्षा, मंत्री के लिए एक बड़ी चिंता बनी हुई है। अगर कोई जवाबी कायृवाही देना होगा तो समय, स्थान और जिस तरह से हम चाहेंगे वैसा होगा।

प्रतिरोध के एक अधिकारी के अनुसार, एक पश्चिमी-विरोधी राजनीतिक-सैन्य गठबंधन जिसमें ईरान शामिल है, आप मान सकते हैं कि अल-तनफ पर हमला पालमीरा के प्रतिशोध में सीरियाई सहयोगियों द्वारा किए गए पिछले वादों की पूर्ति थी।

अमेरिकी सेना पर ईरान का आखिरी बड़ा हमला जनवरी 2020 में हुआ था, जब तेहरान ने इराक में अल-असद हवाई अड्डे पर बैलिस्टिक मिसाइलों की बौछार की थी।

अमेरिका और गठबंधन सेना को मिसाइलों के बारे में चेतावनी दी गई थी और वे उन्हें कवर करने में सक्षम भी हुए, लेकिन विस्फोटों के परिणामस्वरूप 100 से अधिक अमेरिकी सैनिकों को मस्तिष्क क्षति हुई थी।

ईरानी हमला उस महीने की शुरुआत में बगदाद हवाई अड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले के जवाब में किया गया था जिसमें ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी और इराकी फौजी नेता अबू महदी अल-मोहनदीस मारे गए थे।

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