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ग़ाज़ा युद्ध को लेकर इज़रायली सैनिकों में असंतोष, भविष्य को लेकर चिंता

ग़ाज़ा युद्ध को लेकर इज़रायली सैनिकों में असंतोष, भविष्य को लेकर चिंता

इज़रायली सैनिकों के बीच ग़ाज़ा युद्ध को लेकर असंतोष और भविष्य को लेकर चिंता की खबरें सामने आ रही हैं। इज़रायली टेलीविजन चैनल 13 ने बुधवार को एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें ग़ाज़ा पट्टी में चल रहे युद्ध की निरंतरता से इज़रायली सैनिकों के बीच असंतोष की बात कही गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ ने हमास पर दबाव बनाए रखने की घोषणा की है, लेकिन सैनिकों का मानना है कि बंद दरवाजों के पीछे की स्थिति कुछ और ही है।

इज़रायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ ने पहले कहा था कि हमास पर इज़रायल का दबाव इतना अधिक होगा कि वे समझ जाएंगे कि उन्हें सभी अगवा किए गए लोगों को वापस लाना होगा। हालांकि, कुछ इज़रायली सैनिकों ने, जिन्होंने अपना नाम उजागर न करने की इच्छा जताई, चैनल 13 को बताया कि ग़ाज़ा में इज़रायल का भूमि अभियान अपने लक्ष्य तक पहुंच गया है। उन्होंने चिंता जताई कि यदि कोई युद्ध-विराम समझौता नहीं होता है, तो इज़रायली सैनिकों को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

सैनिकों ने यह भी कहा कि प्रतिरोध समूहों के शवों की गिनती करना और उस पर गर्व करना, अगवा किए गए लोगों को वापस लाने और हमास के विनाश में प्रगति का सही मापदंड नहीं है। उनका मानना है कि युद्ध की वर्तमान इज़रायली रणनीति से दीर्घकालिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय, सैनिकों और नागरिकों की जान जोखिम में पड़ सकती है।

इस रिपोर्ट से यह संकेत मिलता है कि इज़रायली सैनिकों के बीच युद्ध की निरंतरता को लेकर गंभीर संदेह और चिंता है। उन्हें लगता है कि यदि युद्ध जारी रहा, तो इसके परिणाम इज़रायल के लिए भारी हो सकते हैं। यह स्थिति इज़रायल की सैन्य रणनीति और नीतियों पर सवाल खड़े करती है, और यह दिखाती है कि सैनिकों के बीच युद्ध के प्रति मनोबल कम हो रहा है।

इसके अलावा, यह रिपोर्ट इज़रायल की आंतरिक स्थिति को भी उजागर करती है, जहां सैनिकों और नागरिकों के बीच युद्ध के प्रति असहमति और चिंता बढ़ रही है। यह सवाल उठता है कि क्या इज़रायल की सरकार और सेना इस युद्ध को लेकर सही दिशा में आगे बढ़ रही है, या फिर इसके परिणाम इज़रायल के लिए और अधिक समस्याएं खड़ी कर सकते हैं।

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