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इराक के प्रधानमंत्री पर जानलेवा हमला विदेशी थिंक टैंक की साज़िश

इराक के प्रधानमंत्री पर जानलेवा हमला विदेशी थिंक टैंक की साज़िश इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल काज़िमी पर हुए तथाकथित ड्रोन हमलों के बाद मिडिल ईस्ट में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है।

इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल काज़िमी पर हुए हमलों के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शमखानी ने मुस्तफा काज़िमी पर हुए ड्रोन हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अल काज़िमी की हत्या करने का प्रयास विदेशी थिंकटैंक की साजिशों का नतीजा है।

T न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार शमख़ानी ने कहा कि यह इराक में अराजकता और फसाद फैलाने का दुस्साहस है। इराक को इन साजिशों की जड़े उन विदेशी थिंक टैंक और संगठनों में तलाश करना होंगी जो वर्षों से आतंकवादी समूहों को संगठित कर रहे हैं और उनका भरपूर समर्थन करते हैं।

शमख़ानी ने ट्वीट करते हुए कहा कि इन विदेशी शक्तियों ने इराक को आतंकवाद की आग में झोंकने, इस देश के खिलाफ अतिक्रमण करने , देश की पीड़ित जनता का शोषण, देशभर में असुरक्षा एवं अराजकता के अलावा कुछ नहीं दिया है। इराक की जनता को इन विदेशी शक्तियों एवं थिंक टैंक से सिर्फ उत्पीड़न, असुरक्षा, अस्थिरता एवं अराजकता मिली है और कुछ नहीं।

याद रहे कि इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल काज़िमी पर ड्रोन अटैक हुआ था जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे। इराक की सेना ने कहा था कि अल काज़िमी पर यह ड्रोन हमला उनकी हत्या के प्रयास के तहत किया गया था।

इस हमले में वह बाल-बाल बच गए हैं और उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं आई है। हालांकि हमले में उनके बॉडीगार्ड घायल हो गए हैं। इस घटना में 6 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

मुस्तफा अल काज़िमी पर हुए हमलों की निंदा करते हुए अमेरिका ने कहा है कि हमें यह जानकर राहत मिली है कि मुस्तफा सुरक्षित हैं और उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि इराक की स्वतंत्रता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए हम इराकी बलों से संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस हमले की जांच में सहयोग देने की पेशकश दी है।

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