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इज़रायल-हमास जंग के बीच नेतन्याहू के खिलाफ फिर से भ्रष्टाचार का मुकदमा शुरू

इज़रायल-हमास जंग के बीच नेतन्याहू के खिलाफ फिर से भ्रष्टाचार का मुकदमा शुरू

इज़रायल-हमास में जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। युद्द की वजह से दो महीने के अंतराल के बाद इज़रायल की एक जिला अदालत प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भ्रष्टाचार के मामले की सुनवाई आज यानी मंगलवार से फिर शुरू करेगी। हमास की ओर से 7 अक्टबूर को हमले शुरू किए जाने के बाद इज़राइल गाज़ा पट्टी पर जबर्दस्त हमले कर रहा है।

सुनवाई के दौरान, यरुशलम जिला न्यायालय ने तथाकथित “केस 4,000” पर एक पुलिस अन्वेषक की पूछताछ सुनी, जिसमें नेतन्याहू ने कथित तौर पर उसके स्वामित्व वाले एक समाचार वेबसाइट से अनुकूल कवरेज के बदले में इज़रायल की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बेजेक के लिए विनियामक लाभों को बढ़ा दिया था।

मुकदमा 2020 की शुरुआत से चल रहा है। मामले में आखिरी सुनवाई 20 सितंबर को हुई थी, जिसके बाद अदालत यहूदी छुट्टियों के लिए अवकाश पर चली गई। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद मौजूदा इजरायल-हमास संघर्ष के कारण अदालत की बैठक नहीं हुई।

नेतन्याहू पर आरोप
नेतन्याहू पर आरोप है कि बेजेक के स्वामित्व वाली वेबसाइट ‘वल्ला’ पर अपने पक्ष में मीडिया कवरेज के बदले बेजेक टेलीकम्युनिकेशन्स के लिए लाभकारी नियामक कदम उठाए थे। ‘वल्ला’ वेबसाइट का मालिकाना हक पहले बेज़ेक के पास था। यरुशलम जिला अदालत 74 वर्षीय नेतन्याहू के भ्रष्टाचार मामले पर मंगलवार को सुनवाई फिर से शुरू करेगी।

जून में मामले में तीन न्यायाधीशों ने सिफारिश की थी कि अभियोजन पक्ष रिश्वतखोरी का आरोप वापस ले ले, मगर अभियोजन पक्ष ने आरोप वापस लेने से इनकार करते हुए मुकदमा जारी रखने का फैसला किया, जिसके बाद अदालत ने संबंधित लोगों की गवाही सुनी। इजरायल के प्रधानमंत्री रहे नेतन्याहू पर तीन अलग-अलग मामलों में रिश्वत लेने, धोखाधड़ी और विश्वास तोड़ने का मुकदमा चल रहा है, लेकिन उन्होंने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।

बेंजामिन नेतन्याहू के विरुद्ध न्यायपालिका में संशोधन के विरुद्ध भी इज़रायल में पिछले 6 महीनों से लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इतना ही नहीं ग़ाज़ा पर बमबारी के विरोध में भी इज़रायल और सभी यूरोपीय देशों की जनता विरोध प्रदर्शन कर रही है। साउथ अफ्रीका ने तो उनको अंतर्राष्ट्रीय अदालत में युद्ध अपराधी घोषित करने की भी मांग की है।

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