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भड़काऊ वीडियो मामले में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से राहत

भड़काऊ वीडियो मामले में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी को सुप्रीम कोर्ट से राहत

इमरान प्रतापगढ़ी पर उनकी कविता के लिए गुजरात में दर्ज एफआईआर मामले में राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “कविता, कला और व्यंग्य जिंदगी को समृद्ध करती है। स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति समाज के लिए जरूरी है। पुलिस अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करे।

कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का अभिन्न अंग है। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना अदालत का कर्तव्य है।

पीठ ने कहा, ‘‘भले ही बड़ी संख्या में लोग किसी के द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को नापसंद करते हों लेकिन व्यक्ति के विचार व्यक्त करने के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। कविता, नाटक, फिल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य मानव जीवन को अधिक सार्थक बनाते हैं।’’

कांग्रेस नेता ने गुजरात हाईकोर्ट के 17 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की उनकी याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।

इमरान प्रतापगढ़ी के खिलाफ कथित तौर पर उत्तेजक गाने के साथ एक एडिटेड वीडियो पोस्ट करने के लिए गुजरात के जामनगर में मुकदमा दर्ज किया गया था। कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने दावा किया है कि उनके खिलाफ गुजरात पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण इरादे से FIR दर्ज की थी।

एफआईआर में उन पर आरोप था कि सोशल मीडिया मंच X पर इमरान प्रतापगढ़ी द्वारा अपलोड की गई 46 सेकंड की वीडियो क्लिप में उन पर फूलों की वर्षा की जा रही थी और बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा था। वो गाना आपत्तिजनक है। आरोप था कि गाने के बोल उत्तेजक, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि भले ही बहुत से लोग किसी दूसरे के विचारों को नापसंद करते हों, लेकिन विचारों को व्यक्त करने के व्यक्ति के अधिकार का सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। कविता, नाटक, फ़िल्म, व्यंग्य और कला सहित साहित्य लोगों की जिंदगी को और अधिक सार्थक बनाता है।

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