एर्दोगान द्वारा इज़रायल को तेल आपूर्ति का गोपनीय दस्तावेज़ सामने आया
मई 2024 में तुर्की सरकार ने घोषणा की थी कि ग़ाज़ा पट्टी में इज़रायली अपराधों के कारण वह इज़रायल के साथ सभी आर्थिक संबंध समाप्त कर देगी। यह फैसला यदि लागू होता, तो इज़रायल की विदेशी व्यापार व्यवस्था में तुर्की की महत्वपूर्ण भूमिका के कारण यह फ़िलिस्तीनी जनता के समर्थन और इज़रायल के ख़िलाफ़ मुस्लिम देशों के सहयोग में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता था।
इस घोषणा ने तुर्की के भीतर और वैश्विक स्तर पर, विशेष रूप से अरब देशों और फ़िलिस्तीनी अधिकार समर्थकों के बीच व्यापक सकारात्मक प्रतिक्रिया उत्पन्न की। कई विश्लेषकों ने इसे इज़रायल के प्रति तुर्की की कठोरता और फ़िलिस्तीनी जनता के समर्थन को स्पष्ट करने के रूप में देखा।
हालांकि, समय के साथ ऐसे सबूत और दस्तावेज़ सामने आए, जो तुर्की सरकार की इस सार्वजनिक नीति और उसके व्यवहार के बीच स्पष्ट विरोधाभास को उजागर करते हैं। स्वतंत्र संस्थाओं और फ़िलिस्तीनी समर्थक आंदोलनों द्वारा प्रकाशित कई रिपोर्टों में यह दिखाया गया कि तुर्की न केवल घोषित प्रतिबंधों का पालन करने में विफल रहा, बल्कि इज़रायल के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को अनौपचारिक और गुप्त रूप से जारी रखे हुए है।
इन विरोधाभासों ने न केवल तुर्की की अंतरराष्ट्रीय साख को प्रभावित किया है, बल्कि उसकी सरकार को आंतरिक और बाहरी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा है। रिपोर्टों के मुताबिक, जयहान बंदरगाह से कच्चे तेल की खेपें इज़रायल को भेजी गईं और इन्हें इज़रायल की सैन्य मशीनरी के लिए उपयोग किया गया। यह न केवल तुर्की की नैतिक और मानवीय ज़िम्मेदारियों का उल्लंघन है, बल्कि इन सौदों के पीछे छिपे आर्थिक और राजनीतिक हितों पर भी सवाल खड़े करता है।
प्रमुख खुलासे:
सीविब एसएपी सिस्टम और जहाज के डेटा का रिकॉर्ड
सीविब एसएपी नामक समुद्री ट्रैकिंग प्रणाली से प्राप्त जानकारी में “किमूलोस” नामक जहाज के डेटा को दर्ज किया गया है, जिसमें जहाज की जयहान बंदरगाह पर उपस्थिति और कच्चे तेल की लोडिंग की पुष्टि होती है।
तुर्की से कब्ज़े वाले क्षेत्रों तक जहाजों की आवाजाही
उपलब्ध डेटा के अनुसार, पिछले वर्ष तुर्की से इज़रायल की ओर दर्जनों व्यापारिक जहाज रवाना हुए। तुर्की के पत्रकार मतिन सिहान की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर 2024 की शुरुआत से 7 दिसंबर तक तुर्की के बंदरगाहों से कब्ज़े वाले क्षेत्रों की ओर 41 जहाज रवाना हुए।
स्टॉप फ्यूलिंग जेनोसाइड आंदोलन का खुलासा
इस आंदोलन ने अक्टूबर 2024 में तुर्की से जयहान बंदरगाह से इज़रायल के अश्कलोन बंदरगाह को कच्चा तेल भेजने का दावा किया, जो तुर्की सरकार की व्यापारिक प्रतिबंध नीति का उल्लंघन था।
गुप्त गतिविधियां
किमूलोस नामक जहाज ने बार-बार तुर्की और इज़रायल के बीच यात्रा की।
यह जहाज अपने स्थान ट्रांसमीटर (AIS) को बंद करके अपनी यात्रा को छिपाता था।
सैटेलाइट तस्वीरों से पुष्टि हुई कि यह जहाज EAPC टर्मिनल, अश्कलोन पर दस बार रुका। यह घटनाक्रम न केवल तुर्की के घोषित रुख का खंडन करता है, बल्कि आर्थिक और राजनीतिक स्वार्थों के लिए नैतिक दावों की अनदेखी का भी प्रमाण देता है।