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यरुशलम में फ्लैग मार्च के दौरान झड़प, 17 फ़िलिस्तीनी गिरफ्तार

Israeli police removes a Palestinian woman from the area as youth from far-right Israeli groups participate in a flag-waving procession at Damascus Gate, just outside Jerusalem's Old City June 15, 2021. REUTERS/Ammar Awad

यरुशलम में फ्लैग मार्च के दौरान झड़प, 17 फ़िलिस्तीनी गिरफ्तार, पुलिस ने पूर्वी यरुशलम में मंगलवार शाम को हुई झड़पों के दौरान 17 फलस्तीनियों को गिरफ्तार किया तथा फिलीस्तीनी मीडिया ने बताया कि इजराईली सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष में कम से कम 33 फिलिस्तीनी घायल हो गए।

यरुशलम पोस्ट के अनुसार रैली से करीब दो घंटे पहले दमिश्क गेट के सामने के क्षेत्र में फिलिस्तीनी,इज़राइली सुरक्षा बलों के साथ भिड़ गए। पुलिस के अनुसार दर्जनों फिलिस्तीनियों ने रैली वाले मार्ग पर दंगा किया और पुलिस अधिकारियों पर पथराव किया, जिसमें दो लोग घायल भी हो गए। हालांकि पुलिस ने रैली से पहले पुराने शहर और उसके आसपास फिलीस्तीनियों को खदेड़ दिया। लेकिन इस घटना ने हमास के साथ नए सिरे से हिंसा और अरब-इजरायल के साथ तनाव को बढ़ा दिया। बताते चले कि फ्लैग मार्च मई में यरुशलम दिवस पर होने वाला था, लेकिन ऑपरेशन गार्डियन ऑफ द वॉल्स के कारण स्थगित कर दिया गया था।

लगभग 2,000 सीमा पुलिस अधिकारियों को मंगलवार को पूरे पुराने शहर में तैनात किया गया था, और फिलिस्तीनियों को दमिश्क गेट क्षेत्र तक पहुंचने से रोकने के लिए धातु अवरोध लगाए गए थे। टेंपल माउंट पर भी इजराईली सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था। मंगलवार शाम को भारी पुलिस सुरक्षा के बीच हजारों दक्षिणपंथियों ने यरुशलम फ्लैग मार्च में उत्साह के साथ भाग लिया। रैली में लोगों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में बहुत कम थी लेकिन रैली अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण थी। रैली में लोगों ने “इज़राईल डरता नहीं है,” तथा”अरबों की मृत्यु” जैसे नारे लगाए। कुछ मार्च करने वालों ने प्रधान मंत्री नफ़ताली बेनेट को “झूठा” देशद्रोही भी कहा।”

इस कार्यक्रम में कई नेता भी मौजूद थे, जिनमें धार्मिक ज़ियोनिस्ट पार्टी के एमके इतामार बेन-ग्विर, बेज़ेल स्मोट्रिच और उनकी पार्टी के सहयोगी एमके ओरिट स्ट्रक, राजनीतिक कार्यकर्ता बेंटज़ी गोपस्टीन, बारूक मार्ज़ेल वगैरह ने भी भाग लिया।

स्ट्रक के अनुसार यह रैली अत्यंत महत्वपूर्ण थी, क्योंकि इससे यह साबित होता है कि यरूशलम को यहूदी नियंत्रित करते है न कि हमास।

मार्च शुरू होने से ठीक पहले, संयुक्त अरब पार्टी के नेता मंसूर अब्बास ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे “एक बेलगाम उकसावा कहा कि जिसका उद्देश्य चिल्लाना, नफरत फैलाना, हिंसा को भड़काना और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए क्षेत्र में तनाव पैदा करने का प्रयास है।” अब्बास ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री ओमर बारलेव और पुलिस को यह कार्यक्रम रद्द कर देना चाहिए था। “इसमें कोई संदेह नहीं है कि मार्च के आयोजकों का लक्ष्य नई सरकार को चुनौती देना और आने वाले समय में विस्फोटक घटनाओं के साथ इसे समाप्त करना है जो लोगों के जीवन को खतरे में डाल देगा, ”
जिसके जवाब में एक प्रवक्ता ने कहा, “लोकतांत्रिक देश में नागरिकों के लिए अपनी राजधानी में अपना राष्ट्रीय ध्वज लहराना उकसाना नहीं है।”

बेन-ग्विर ने कहा कि बेनेट फ्लैग परेड के बजाय “वामपंथी सरकार के साथ मार्च कर रहे थे”। “यह बेनेट सरकार का चेहरा है,” “उनके गठबंधन का आधार यरुशलम में ध्वज परेड का विरोध करना तथा इसे उकसाने वाला कहना है। हम यहूदियों की राजधानी यरुशलम को किसी भी हालत में नही छोड़ेंगे।

गौर तलब यह है कि इस घटना को कवर करने वाले अरब पत्रकारों को कुछ प्रतिभागियों द्वारा नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणियों के साथ मौखिक दुर्व्यवहार का भी सामना करना पड़ा।

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