ISCPress

अमेरिकी धमकियों के बीच ब्राजील ने ब्रिक्स की मेजबानी की पेशकश की

अमेरिकी धमकियों के बीच ब्राजील ने ब्रिक्स की मेजबानी की पेशकश की

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में ब्रिक्स (BRICS) समूह को “मृत” बताते हुए इसके खिलाफ कड़ी धमकियां जारी की हैं। उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स देश, डॉलर के खिलाफ कोई कदम उठाने की कोशिश करते हैं, तो अमेरिका उन पर 100% तक का टैरिफ लगा देगा। यह बयान अमेरिका और ब्रिक्स देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है, खासकर जब ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने और अपनी मुद्राओं को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

ब्रिक्स समूह, जिसमें ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, अब और भी विस्तार कर रहा है। हाल ही में ईरान, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया और इथियोपिया जैसे देश भी इसमें शामिल हो गए हैं। यह समूह वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका और पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप की धमकियां इसी प्रतिस्पर्धा और तनाव को उजागर करती हैं।

ब्राज़ील, जो वर्तमान में ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, इस बैठक के माध्यम से समूह की एकजुटता और वैश्विक भूमिका को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और उसके सहयोगी देश ब्रिक्स के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं। ट्रंप की टिप्पणियों से साफ है कि अमेरिका ब्रिक्स के विस्तार और इसके वैश्विक प्रभाव को गंभीरता से ले रहा है।

अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रिक्स देशों की बढ़ती एकजुटता और उनकी आर्थिक ताकत वैश्विक भू-राजनीति में अमेरिका के प्रभाव को कमजोर कर सकती है। ब्रिक्स देश दुनिया की आबादी का 40% से अधिक और वैश्विक जीडीपी का 25% हिस्सा रखते हैं। इसके साथ ही, चीन और रूस जैसे देशों की मौजूदगी ब्रिक्स को अमेरिका के लिए एक चुनौती बना देती है।

भविष्य में, ब्रिक्स देशों की नीतियां और उनकी एकजुटता वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था को किस दिशा में ले जाती है, यह देखना दिलचस्प होगा। अमेरिका को अब इस नई वैश्विक गतिशीलता के अनुसार अपनी रणनीति तय करनी होगी।

Exit mobile version