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इज़रायल की बर्बरता के ख़िलाफ़ एकजुट हो दुनिया: बोलीविया

इज़रायल की बर्बरता के ख़िलाफ़ एकजुट हो दुनिया: बोलीविया

ग़ाज़ा में जारी युद्ध और मानवीय संकट के बीच बोलीविया ने इज़रायल पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बोलीविया के राष्ट्रपति लुईस अल्बर्तो आर्से काताकोरा ने गुरुवार तड़के एक बयान जारी कर ग़ाज़ा के लिए राहत सामग्री लेकर जा रहे “सुमूद” बेड़े पर इज़रायली हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि, यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन है और पूरी मानवता का अपमान है।

राष्ट्रपति आर्से ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम इज़रायल द्वारा किए गए इस बर्बर हमले की निंदा करते हैं। यह हिंसक कार्रवाई नेतन्याहू की सरपरस्ती में हुई है, जो न केवल ग़ाज़ा की घेराबंदी को और गहरा करती है बल्कि अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन भी है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि, अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हमले पर चुप्पी साधी तो इसे इज़रायली अपराधों में साझेदारी माना जाएगा। आर्से ने कहा, “आज दुनिया के सामने नेतन्याहू की वह आतंकवादी नीति उजागर हो रही है, जो ग़ाज़ा के लोगों को भूख, कब्ज़े और नरसंहार के बीच जीने पर मजबूर कर रही है। हम वैश्विक समुदाय, बहुपक्षीय संगठनों और आज़ाद विचार वाले लोगों से अपील करते हैं कि इस नई बर्बरता का विरोध करें और इसके ख़िलाफ़ खड़े हों।”

राष्ट्रपति आर्से ने यह भी कहा कि, ग़ाज़ा की मौजूदा स्थिति केवल एक क्षेत्रीय संघर्ष नहीं है बल्कि यह पूरी मानवता की परीक्षा है। उनके अनुसार, “आज से अधिक कभी ज़रूरत नहीं रही कि इंसानियत न्याय और जीवन के साथ खड़ी हो। ग़ाज़ा के बच्चों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को अनदेखा करना असंभव है। हर देश और हर संगठन की जिम्मेदारी है कि इस युद्ध और हिंसा को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।”

बोलीविया की इस सख्त प्रतिक्रिया को क्षेत्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हाल के महीनों में कई लैटिन अमेरिकी देशों ने ग़ाज़ा के हालात पर चिंता जताई है, लेकिन बोलीविया ने इज़रायल के ख़िलाफ़ सबसे कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया है। आर्से का यह बयान ग़ाज़ा के लिए बढ़ते वैश्विक समर्थन और इज़रायल की नीतियों के ख़िलाफ़ गहराते विरोध का हिस्सा माना जा रहा है।

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