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ख़ान यूनिस में खूनी संघर्ष, डेढ़ लाख बेघर, एक ही सवाल, अब कहाँ जाएं?

ख़ान यूनिस में खूनी संघर्ष, डेढ़ लाख बेघर, एक ही सवाल, अब कहाँ जाएं?

ग़ाज़ा: ख़ान यूनिस पर इज़रायल के अचानक जमीनी हमले और नागरिकों को तुरंत क्षेत्र खाली करने के आदेश के कारण, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार महज एक दिन में कम से कम डेढ़ लाख लोग बेघर हो गए हैं। हवा से बमों की लगातार बारिश और जमीन से टैंकों की गोलाबारी के बीच, नागरिक अपनी जान हथेली पर लेकर अपने पूरे परिवार के साथ किसी नई शरणस्थल की तलाश में सड़कों पर निकल तो आए हैं, मगर उनके सामने सबसे महत्वपूर्ण सवाल यही है कि “अब कहाँ जाएं?”

क्या अब समुद्र में कूद जाएं?
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इज़रायल ने नागरिकों को पश्चिम में अल-मवासी कैंप की ओर बढ़ने का निर्देश दिया है, मगर वहां पहले से ही जगह की कमी हो गई है और उससे पहले मवासी पर भी “सेफ ज़ोन” घोषित होने के बावजूद बमबारी हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी वेबसाइट पर जारी रिपोर्ट में बताया है कि नागरिक पश्चिम की ओर अल-मवासी कैंप की ओर बढ़ तो रहे हैं, मगर यह भी पिछले हफ्ते के हमलों के बाद “असुरक्षित” हो गया है। अल जज़ीरा के अनुसार,  एक महिला जो अपने परिवार के साथ अब तक 6 बार बेघर हो चुकी हैं, ने झुंझलाकर सवाल किया है कि “अब कहाँ जाएं? समुद्र में कूद जाएं?” उन्होंने बेबसी के आलम में कहा कि “हम थक चुके हैं, भूख से बेहाल हैं। अभी इसी वक्त इस युद्ध को बंद कीजिए।”

ख़ान यूनिस पर अब तक का सबसे बदतर हमला
अल जज़ीरा के अनुसार, इज़रायली फोर्सेज ने विमानों से पम्फलेट फेंक कर लाखों फिलिस्तीनियों को खान यूनिस एक दिन में खाली करने का आदेश दिया और इस पर अमल करने का मौका दिए बिना तुरंत बमबारी और टैंकों से गोलाबारी शुरू कर दी। संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने इज़रायल के खाली करने के आदेशों के बाद खान यूनिस से विस्थापन की जानकारी दी है। उन्होंने मंगलवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को बताया कि “क्षेत्र में आबादी की आवाजाही पर नजर रखने और मानवता के आधार पर काम करने वाले कर्मियों के अनुसार कुल लगभग डेढ़ लाख लोगों को खान यूनिस के क्षेत्रों से भागना पड़ा है।”

कोई पैदल तो कोई गधा गाड़ी में
संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर डेनियल जॉनसन की रिपोर्ट के अनुसार “बुजुर्ग नागरिक गधा गाड़ियों पर, विकलांग व्हीलचेयर पर (जिन्हें रेतीली जमीन पर खींचना आसान नहीं) और बच्चों को गोद में लेकर हाथों में आवश्यक सामान उठाए लोग दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।” ग़ाज़ा में संयुक्त राष्ट्र की उपसंस्था “यूएनआरडब्ल्यूए” के स्थानीय प्रवक्ता के अनुसार “लोग गोलियों और बम धमाकों की आवाजें सुनकर अपनी जान बचाने के लिए यहां वहां भागने लगते हैं। परिवार के परिवार केवल उतना सामान जितना वे हाथों में उठा सकते हैं, लेकर निकल पड़े हैं। वे नहीं जानते कि उन्हें कहां जाना है, लोग हमसे यही सवाल पूछ रहे हैं कि अब कहां जाएं?”

ग़ाज़ा में 19 लाख लोग बेघर
ग़ाज़ा के लिए संयुक्त राष्ट्र के संपर्क कार्यालय ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि फिलिस्तीन के इस युद्धग्रस्त क्षेत्र में हर 10 में से 9 लोग बेघर हो चुके हैं। कुल मिलाकर 19 लाख लोग बेघर हुए हैं जिनमें से अधिकांश एक से अधिक बार दरबदर हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के राहत एजेंसियों के अनुसार, ग़ाज़ा में ईंधन की कमी मानवता के आधार पर की जा रही कार्रवाइयों और चिकित्सा सेवाओं में बाधा बनी हुई है। ग़ाज़ा के लोगों के लिए भोजन के साथ ही पीने के पानी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है। गंदगी का अंबार लग गया है जो बीमारियों का कारण बन रहा है।

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