ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने बुधवार को डोनाल्ड ट्रंम्प के शासनकाल के अंत का स्वागत करते हुए नये अमेरिकी प्रशासन से 2015 के परमाणु समझौते पर वापस आने और तेहरान पर से पाबंदियां हटाने के लिए आग्रह किया।
बुधवार को पदभार ग्रहण करने वाले राष्ट्रपति जो बिडेन (Joe Biden) ने कहा कि अगर तेहरान आदेशों का अनुपालन करेगा तो अमेरिका दुबारा इस समझौते में शामिल हो जाएगा जिसके अंतर्गत ईरान पर परमाणु कार्य पर प्रतिबन्ध भी शामिल होगा।
हसन रूहानी ने कहा ” हम अमरीका की नई शासन प्रणाली से उम्मीद करते है कि आने वाले चार सालों में बीते हुए चार सालों की सारी काली यादों को मिटा दिया जाएगा”
तेहरान और वॉशिंगटन के बीच मुश्किलें तब शुरू हो गईं थीं जब 2018 में ट्रम्प ने ईरान और छह विश्व शक्तियों के बीच उन समझौतों को समाप्त कर दिया, जो तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने और परमाणु हथियार बनाने के लिए मांग करते थे।
वॉशिंगटन द्वारा ये प्रतिबन्ध दुबारा लगा दिए गए जिसने ईरान की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से हिला के रख दिया।
राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा चुने गए राज्य सचिव एंथोनी ब्लिंकेन ने कहा कि अमेरिका इस समझौते में शामिल होने के लिए फौरन कोई निर्णय नहीं लेगा।
रूहानी ने कहा कि तानाशाह ट्रम्प का शासनकाल आज समाप्त होगया और ईरान पर उसके द्वारा बनाई हुई दबाव नीति भी नाकाम हो चुकी है, ट्रम्प का अंत हो गया है लेकिन परमाणु समझौता आज भी जिंदा है।
विदेश मंत्री श्री जवाद जरीफ ने कहा कि सयुक्त राज्य अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों ने हमारे इलाके को बारूद के ढेर में बदल दिया है ना कि ईरान ने।