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आयतुल्लाह सीस्तानी के दफ्तर ने पॉप से मुलाक़ात का ब्यौरा जारी किया

ईसाई जगत के सबसे बड़े गुरु पॉप फ्रांसिस इराक यात्रा पर गए हुए हैं इस सफर में सबसे अधिक जिस बात की चर्चा हो रही है वह इस्लाम के शिया मत के सबसे प्रभावी धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी से पॉप फ्रांसिस की मुलाक़ात है।
दोनों वरिष्ठ धर्मगुरु के बीच होने वाली मुलाक़ात लगभग 45 मिनट चली लेकिन इस बीच किसी राजनैतिक या मीडिया से जुड़े व्यक्ति को अंदर आने की अनुमति नहीं दी गयी।

चार दिवसीय यात्रा पर इराक गए पॉप फ्रांसिस ने नजफ़े अशरफ जाकर वरिष्ठ शिया धर्मगुरु आयतुल्लाह सीस्तानी से उनके दफ्तर में मुलाक़ात की। आयतुल्लाह सीस्तानी के दफ्तर प्रमुख के अनुसार इस मुलाक़ात में न तो किसी राजनैतिक व्यक्ति को आने की अनुमति दी गयी न ही किसी मिडिया से जुड़े व्यक्ति को।

आयतुल्लाह सीस्तानी के दफ्तर से जारी बयान के अनुसार इस मुलाक़ात में मानवता के सामने मौजूद चुनौतियों , अल्लाह और रसूल पर ईमान, और उच्च नैतिक मूल्यों का पालन कर इन संकटों पर काबू पाने के सिलसिले में विचार विमर्श किया गया।

आयतुल्लाह सीस्तानी ने इस मुलाक़ात में विभिन्न देशों में जनता के उत्पीड़न , उन पर हो रहे अत्याचार और उनके धार्मिक और बौद्धिक उत्पीड़न समेत सामाजिक स्वतंत्रता का उल्लेख करते हुए मीडिल ईस्ट विशेष कर फिलिस्तीन का उल्लेख किया जो ज़बरदस्ती थोपे गए युद्ध और हिंसा के साथ साथ आर्थिक प्रतिबंधों से जूझ रहा है।

आयतुल्लाह सीस्तानी ने इन घटनाओं और अन्याय का रास्ता रोकने में धर्मगुरुओं की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि विशेष कर धर्मगुरुओं और आध्यात्मिक पेशवाओं से आशा है कि वह सभी पक्षों विशेष कर महाशक्तियों को लॉजिक एवं बुद्धिमता का रास्ता अपनाने और युद्ध तथा हिंसा का रास्ता छोड़ने, एवं अपने निजी स्वार्थ के लिए मानवाधिकारों और आम जनता की आज़ादी से न खेलने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

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