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एक विजेता की तरह 9 मुहर्रम की अज़ादारी में शामिल हुए आयतुल्लाह ख़ामेनेई

एक विजेता की तरह 9 मुहर्रम की अज़ादारी में शामिल हुए आयतुल्लाह ख़ामेनेई

इजराइल और अमेरिका के झूठ का पुलिंदा उस समय सबके सामने खुल गया, जब ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनेई तेहरान के इमाम खुमैनी इमाम बारगाह में 9 मोहर्रम की अजादारी में शिरकत की। उनको देखिए ही वहां मौजुद हजारों ईरानी झूम उठे और जोश में हैदर हैदर का नारा लगाने लगे।

जिस समय आयतुल्लाह खामनेई इमाम बारगााह इमाम खुमैनी में हाज़िर हुए उस समय वहां का नज़ारा देखने लायक था। उनका चेहरा बिल्कुल बेखौफ नजर आ रहा था, जबकी उनकी मुस्कुराहट बिल्कुल एक विजेता की तरह थी जिसने 12 दिवसीय युद्ध में इज़रायल को धूल चटा दी और नेतन्याहू के घमंड को मिट्टी में मिला दिया।

बता दें कि जब इजराइल ने ईरान पर हमला करके वहां के शीर्ष कमांडरों को शहीद कर दिया था, और उसके बाद इजराइल ने कहा कि हम ईरान के जवाब का इंतजार कर रहे हैं, उस समय इजराइल ने कल्पना भी नहीं की थी कि, अपने चोटी के सरदारों की शहादत के 24 घंटे के अंदर ईरान पलटवार कर देगा।

यह जंग नेतन्याहू के लिए एक भयानक सपना साबित हुई। ईरान के पलटवार के बाद वह अमेरिका से मदद की गुहार लगाने लगे। और जब अमेरिका ने ईरान पर हमला किया तो ईरान ने सीज़फ़यार से पहले कतर में अमेरिकी एयरबेस पर हमला करके बता दिया कि, हम किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं हैं।

इस 12 दिवसीय युद्ध में अमेरिका और इजराइल ने आयतुल्लाह खामेनेई की हत्या की धमकी दी थी, और यह प्रचार किया कि था कि वह अपनी हत्या के डर से बंकरों में छुपे हुए हैं। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आज़ादारी में शिरकत करके अमेरिका और इज़रायल दोनों को पैग़ाम दे दिया कि, ना हम डरते हैं, ना झुकते हैं, ना दबते हैं और ना छुपते हैं।

आयतुल्लाह खामेनेई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि, जब दुश्मन उन पर छुपने या डरने का आरोप लगाता है तो वाह वीडियो या भाषण के ज़रिए नहीं,  बल्की सामने आकर जवाब देते हैं। इससे पहले जब उन पर छुपने का आरोप लगा था, तब उन्होंन तेहरान मे लाखों की संख्या में मौजूद लोगों के बीच नमाज़ जुमा पढ़ाई थी।

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