यमन पर हमले, इज़रायल पर मिसाइल हमलों को नहीं रोक पाएंगे
यमनी अधिकारियों के अनुसार, इज़रायली शासन ने यमन के पश्चिमी तट पर स्थित होदैदा शहर पर एक के बाद एक कई हमले किए हैं। रिपोर्टों में पुष्टि की गई है कि इज़रायली हमला विशेष रूप से होदैदा बंदरगाह के डॉक (गोदी क्षेत्र) को निशाना बना रहा था।
इज़रायली सेना ने घोषणा की कि, उसकी नौसेना ने मिसाइल जहाजों के माध्यम से “होदैदा बंदरगाह” के लक्ष्यों पर हमला किया। इज़रायली मीडिया के अनुसार, यह पहला मौका है जब इज़रायली नौसेना ने यमनी बंदरगाहों पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि “यमन में यह ऑपरेशन पहले देखे गए अभियानों से अलग है।”
यह हमला ग़ाज़ा पट्टी में अमेरिका-समर्थित नरसंहार शुरू होने के बाद से यमन पर इज़रायल का दसवां हमला है। इससे पहले के नौ हमले इज़रायली वायु सेना द्वारा किए गए थे।
28 मई को इज़रायल ने सना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हवाई हमला किया, जबकि लगभग दस दिन पहले ही इस हवाई अड्डे से अम्मान (जॉर्डन) के लिए उड़ानों का संचालन फिर से शुरू हुआ था। मई की शुरुआत में भी इसी हवाई अड्डे पर एक और इज़रायली हमला हो चुका था।
इन हमलों के बावजूद, यमनी सशस्त्र बल इज़रायल के अंदर गहराई तक जाकर बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन के जरिए हमले कर रहे हैं, जो ग़ाज़ा के लोगों और प्रतिरोध बलों के समर्थन में हैं।
इन हमलों में बेन गुरियन हवाई अड्डे समेत कई अहम इज़रायली ठिकानों को निशाना बनाया गया है। इन अभियानों ने लाखों इज़रायली नागरिकों को बंकरों में जाने पर मजबूर कर दिया है, हवाई यातायात को बाधित किया है और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों को अपनी सेवाएं रद्द या स्थगित करनी पड़ी हैं।
सना सरकार ने हाल ही में खुलासा किया है कि उनकी सेना इज़रायली ठिकानों पर एक नया वारहेड युक्त हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल इस्तेमाल कर रही है, जो अवरोधित होने पर भी विस्फोट करता है।
यमन ने इज़रायल पर प्रभावी रूप से एक नौसैनिक और हवाई नाकाबंदी लागू कर दी है। यमनी बलों ने स्पष्ट किया है कि जब तक ग़ाज़ा पर नरसंहार जारी रहेगा और उस पर नाकाबंदी बनी रहेगी, तब तक उनके हमले भी जारी रहेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यमन, तेल अवीव पर एक और हाइपरसोनिक मिसाइल दागे, तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी, और इससे इज़रायल की हालिया आक्रामकता पूरी तरह निष्प्रभावी हो जाएगी।

