सूडान में स्वास्थ्य केंद्रों पर हमलों में 1600 लोगों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अडानोम घेब्रेयेसस ने कहा है कि इस वर्ष की शुरुआत से अब तक सूडान में स्वास्थ्य केंद्रों पर हुए हमलों में 1600 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जनवरी से अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वास्थ्य केंद्रों पर 65 हमलों को दर्ज किया है, जिनमें 276 लोग घायल हुए हैं।
इन हमलों में सबसे हालिया हमला पिछले रविवार को दक्षिणी कोर्डोफान प्रांत की राजधानी डेलेंज शहर में स्थित एक सैन्य अस्पताल पर ड्रोन से किया गया। यह वही क्षेत्र है जो हाल के महीनों में सूडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच संघर्ष का केंद्र बना हुआ है। घेब्रेयेसस के अनुसार, इस हमले में 9 लोगों की मौत हुई और 17 अन्य घायल हुए।उन्होंने सामाजिक माध्यम ‘एक्स’ पर लिखा कि प्रत्येक हमला और अधिक लोगों को चिकित्सा और औषधीय सेवाओं से वंचित कर देता है।
सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क ने डेलेंज के सैन्य अस्पताल पर हुए ड्रोन हमले के लिए रैपिड सपोर्ट फोर्सेज को जिम्मेदार ठहराया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क के अनुसार, डेलेंज में हुई मौतें उन कम से कम 104 लोगों में शामिल हैं जो 4 दिसंबर से कोर्डोफान क्षेत्र में हुए विभिन्न हमलों में मारे गए हैं।
स्वास्थ्य केंद्रों पर हुए हमलों में अक्टूबर माह में दारफूर के एल-फाशेर शहर स्थित अल-सऊदी अस्पताल पर रैपिड सपोर्ट फोर्सेज का हमला भी शामिल है, जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सशस्त्र लोगों ने अस्पताल में कम से कम 460 लोगों की हत्या कर दी और डॉक्टरों तथा नर्सों का अपहरण कर लिया।
अप्रैल 2023 से सूडानी सेना के प्रमुख और संप्रभु परिषद के अध्यक्ष अब्देल फतह अल-बुरहान तथा रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के नेता मोहम्मद हमदान डागलो के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक लगभग 40,000 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 1.2 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने बार-बार सूडान में एक गंभीर मानवीय आपदा की चेतावनी दी है और बताया है कि देश में 2.3 करोड़ लोग भोजन की कमी से जूझ रहे हैं तथा सूडान में विनाशकारी अकाल का खतरा बना हुआ है।

