इज़रायली पीएम नेतन्याहू और पूर्व रक्षामंत्री गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है। उनके खिलाफ इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट की तरफ से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। उन पर हमास के खिलाफ जंग में युद्ध अपराध का आरोप है। अब उनके पास भागने के लिए कोई जगह नहीं है, उनके लिए एकमात्र सुरक्षित ठिकाना अमेरिका है।
गाजा नरसंहार के बाद इजरायली प्रधानमंत्री नेेतन्याहू इस वक्त कई देशों के निशाने पर हैं। ईरान उन्हें देखना तक पसंद नहीं चाहता, तो मिडिल ईस्ट के कई देश उन्हें तुरंत गिरफ्तार करवाना चाहते थे। उन्हें सजा देना चाहते थे। इसके लिए इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट (ICC) में मुकदमा भी चल रहा था।
मई में कुछ संस्थाओं ने बेंजामिन नेतन्याहू, उनके रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ वारंट की मांग करते हुए आईसीसी में अपील दायर की थी। संस्थाओं का आरोप था कि इन लोगों ने युद्ध अपराध किए हैं। बिना किसी वजह हजारों लोगों की जान ली है। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इन लोगों ने मानवता के खिलाफ अपराध किए हैं।
हाल ही में नेतन्याहू की गिरफ्तारी पर फैसला आना था, लेकिन ऐन वक्त पर जज को ही छुट्टी पर भेज दिया गया था। उनकी जगह एक नए जज की तैनाती की गई थी। इसके कारण वारंंट जारी होने में थोड़ा समय लग गया।
इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट ने केेवल नेतन्याहू और उनके पूर्व रक्षामंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईजरायली अत्याचार को बेनकाब कर दिया है। साथ ही साथ अदालत ने यूरोपीय देशों को भी बेनकाब कर दिया, जो आत्मरक्षा के नाम पर खुल्लमखुल्ला गाजा में इज़रायली नरसंहार और अत्याचार का समर्थन कर रहे थे।
अदालत ने नेतन्याहू को गाजा में युद्ध अपराध (वॉर क्राइम) और मानवता के खिलाफ अपराध के लिए आरोप तय किए। ICC ने माना कि हमास को मिटाने की आड़ में इजरायली सेना निर्दोषों का कत्ल कर रहे है और उन्हें मरने के लिए छोड़ रही है।
बता दें कि, गाजा में इजरायली हमले में अब तक 44 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।इस मामले में इजराइल के पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट और हमास के पूर्व कमांडर मोहम्मद दाइफ के खिलाफ भी वारंट जारी हुआ है।