अरबी संसद ने इज़रायल द्वारा इराक़ पर हमले की धमकी की निंदा की
अरबी संसद, जो अरब लीग की विधायी संस्था है, ने इज़रायल की ओर से इराक़ पर हमले की धमकी की कड़े शब्दों में निंदा की है। गुरुवार को जारी एक बयान में इस संस्था ने इराक की संप्रभुता, सुरक्षा और उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने के प्रति अपने पूर्ण समर्थन की पुष्टि की।
अल-जज़ीरा नेटवर्क ने इस बयान के हवाले से बताया:
“अरबी संसद अंतरराष्ट्रीय समुदाय, उसके संस्थानों और प्रभावशाली देशों से अपील करता है कि वे इज़रायली क़ब्ज़ाधारी शासन पर दबाव डालें और उसकी उन योजनाओं को समाप्त करें, जिनका उद्देश्य मध्य पूर्व को एक क्षेत्रीय युद्ध की ओर धकेलना है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता को खतरा हो सकता है।”
फिलिस्तीन और लेबनान में आक्रामकता बंद करने की मांग
अरबी संसद ने इज़रायल से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासभा के प्रस्तावों का पालन करने की सख्त मांग की। उन्होंने फिलिस्तीन और लेबनान में इज़रायल द्वारा की जा रही सैन्य कार्रवाइयों, जनसंहार, और युद्ध अपराधों को तुरंत रोकने का आह्वान किया। फिलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्रों और लेबनान पर हो रहे हमलों को क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा बताया गया।
अरबी संसद ने संयुक्त राष्ट्र और प्रभावशाली देशों से कहा कि वे इज़रायल पर दबाव बनाएं ताकि उसकी आक्रामक नीतियों पर रोक लग सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि इज़रायल की नीतियां न केवल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करती हैं, बल्कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर युद्ध की संभावना को बढ़ावा देती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इज़रायल ने इराक पर किसी भी प्रकार का हमला किया, तो यह न केवल दोनों देशों के बीच संघर्ष को बढ़ाएगा, बल्कि पूरी अरब दुनिया को अस्थिर कर सकता है। अरबी संसद का यह बयान एक कूटनीतिक प्रयास है ताकि क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दिया जा सके।