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अरब शासक, इज़रायल और अमेरिका के सामने अपमानजनक स्थिति में हैं: अंसारुल्लाह

अरब शासक, इज़रायल और अमेरिका के सामने अपमानजनक स्थिति में हैं: अंसारुल्लाह

यमन क्रांति और अंसारुल्लाह आंदोलन के आध्यात्मिक नेता सैयद अब्दुल मलिक बदरुद्दीन अल-हूती ने आज शुक्रवार को रमज़ान के मुबारक महीने के आगमन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि अधिकांश अरब शासक अल्लाह के आदेशों की अवहेलना और उनसे दूरी के कारण इज़रायल और अमेरिका के सामने अपमानजनक स्थिति में हैं।

उन्होंने कहा कि कुछ इस्लामी देश अमेरिकी और इज़रायली दुश्मनों के सामने ऐसी नीतियाँ और दृष्टिकोण अपनाए हुए हैं जो अत्यंत मूर्खतापूर्ण हैं। वे ख़तरे को टालने के लिए ख़ामोशी और समर्पण का रास्ता अपना रहे हैं।

उन्होंने कहा, “ऐसे दुश्मन के सामने, जो तुमसे घृणा और द्वेष रखता है, यह विचार कि तुम उसे एक ट्रिलियन डॉलर दे दो, अत्यंत मूर्खतापूर्ण और नासमझी भरा है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ट्रंप ने कहा था कि, सऊदी अरब अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करेगा, लेकिन वह इसे बढ़ाकर एक ट्रिलियन डॉलर करना चाहता है।

अंसारुल्लाह नेता ने कहा, “हम यमन की जनता के रूप में अपने फ़िलिस्तीनी और लेबनानी भाइयों की, इज़रायली दुश्मन के खिलाफ़ मदद कर रहे हैं। हम लगातार ग़ाज़ा की स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं और देख रहे हैं कि इज़रायली दुश्मन समझौते में अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट रहा है।”

उन्होंने कहा, “दुश्मन ने मानवीय प्रोटोकॉल और रफ़ाह क्षेत्र से पीछे हटने की अपनी अधिकांश प्रतिबद्धताओं का पालन नहीं किया है। यह एक खतरनाक उल्लंघन है, जो अमेरिका के समर्थन और प्रोत्साहन से हो रहा है। रफ़ाह से पीछे न हटना इज़रायल और मिस्र के बीच हुए पिछले समझौतों का भी गंभीर उल्लंघन है।”

हूती नेता ने यह भी कहा कि इज़रायली दुश्मन ने पूरी तरह से दक्षिणी लेबनान से पीछे नहीं हटने की नीति अपनाई हुई है, जो लेबनान की संप्रभुता और जनता के लिए एक गंभीर ख़तरा है। उन्होंने कहा कि इज़रायली दुश्मन दक्षिणी सीरिया के तीन प्रांतों पर क़ब्ज़ा बनाए रखने के लिए लगातार हमले कर रहा है।

उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, “इज़रायली दुश्मन यह सोचता है कि कोई भी, न ही हिज़्बुल्लाह के मुजाहिदीन, न ही लेबनान की जनता, न ही मिस्र, सीरिया और ग़ाज़ा – कोई भी उसकी हवाई हमलों और आक्रमणों के खिलाफ़ प्रतिक्रिया नहीं देगा।” उन्होंने आगे कहा, “इज़रायली दुश्मन और अमेरिका सुरक्षा क्षेत्रों की बात कर रहे हैं और रणनीतिक स्थानों और प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण चाहते हैं। वे इस्लामी उम्मत के साथ बेजा तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।”

यमन की क्रांति के आध्यात्मिक नेता ने कहा, “ट्रंप ने बड़े घमंड के साथ ग़ाज़ा के लोगों को विस्थापित करने और इस क्षेत्र पर कब्ज़ा करने की बात कही है। उसने एक शनिवार को, इज़रायली क़ैदियों की रिहाई की अंतिम समय सीमा बताई थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।” उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा, “अगर ट्रंप उस शनिवार को ग़ाज़ा पर युद्ध छेड़ता, तो हम सैन्य हस्तक्षेप के लिए तैयार होते।”

हूती नेता ने कहा, “हमें अपनी ताकत बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए और हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए, ताकि यदि आवश्यकता हो तो यमन की रक्षा करने या फ़िलिस्तीन और लेबनान की जनता की मदद करने के लिए कदम उठा सकें।” उन्होंने कहा, “फ़िलिस्तीनी जनता पर किसी भी प्रकार का ख़तरा,पूरी इस्लामी उम्मत के लिए ख़तरा है। फ़िलिस्तीनी जनता इस समय पश्चिमी तट पर इज़रायली अत्याचारों और जबरन विस्थापन के प्रयासों का सामना कर रही है।”

हूती नेता ने कहा, “हम स्पष्ट करते हैं कि ग़ाज़ा पर फिर से युद्ध छेड़ना, इज़रायल द्वारा कब्ज़ा किए गए सभी क्षेत्रों, जिसमें याफ़ा भी शामिल है, को फिर से युद्ध की आग में झोंक देगा। हम अपने भाइयों का हर स्तर पर सैन्य समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, “हम यह भी दोहराते हैं कि हम हिज़्बुल्लाह और लेबनान की जनता के समर्थन में पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि इज़रायली दुश्मन का कब्ज़ा जारी है और उसने लेबनान से पूरी तरह से पीछे हटने से इनकार कर दिया है।”

अंसारुल्लाह के नेता ने इज़रायली हमलों और कब्ज़े को जारी रखने को लेकर चेतावनी दी और कहा, “हम अपने फ़िलिस्तीनी और लेबनानी मुजाहिद भाइयों से कहते हैं कि आप अकेले नहीं हैं, अल्लाह और हम आपके साथ हैं।” उन्होंने कहा, “हम इज़रायलियों और उनके समर्थकों से कहते हैं कि वे अपनी ग़लत सोच को सुधार लें। हिज़्बुल्लाह के के शहीद नेता नसरुल्लाह और सफ़ीउद्दीन के ऐतिहासिक जनाजे ने यह साबित कर दिया है कि लेबनान की जनता अपने प्रतिरोध के संकल्प और मुजाहिदीन के समर्थन में अडिग है।”

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