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अरब और इस्लामी देशों द्वारा ग़ाज़ा की नाकेबंदी में साझेदारी शर्मनाक: यमन

अरब और इस्लामी देशों द्वारा ग़ाज़ा की नाकेबंदी में साझेदारी शर्मनाक: यमन

यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के राजनीतिक कार्यालय के सदस्य “हिज़ाम अल-असद” ने कहा है कि यह बेहद शर्म की बात है कि कुछ अरब और इस्लामी देश ग़ाज़ा के लोगों की भूख और नाकेबंदी में इज़रायल के साझेदार बने हुए हैं।

शहाब समाचार एजेंसी के अनुसार, उन्होंने कहा कि यमन की चौथी समुद्री सैन्य कार्यवाही में उन सभी शिपिंग कंपनियों को निशाना बनाया जाएगा जो इज़रायली बंदरगाहों के साथ कारोबार कर रही हैं, चाहे वे किसी भी देश, यहाँ तक कि, अरब और इस्लामी देशों से जुड़ी क्यों न हों।

उन्होंने कहा कि जब तक ग़ाज़ा पर हमले और उसकी नाकेबंदी बंद नहीं होती, यमनी सशस्त्र बल अपने सैन्य अभियान को इज़रायल और उसके समर्थकों के ख़िलाफ़ बढ़ाते रहेंगे, चाहे वह भूख, हत्या या नाकेबंदी में शामिल कोई भी पक्ष हो।

हिज़ाम अल-असद ने आलोचना करते हुए कहा कि कुछ इस्लामी और अरब देश एक तरफ तो ग़ाज़ा की नाकेबंदी में शामिल हैं, और दूसरी तरफ उन्हीं दिनों में इज़रायल के साथ अपने व्यापारिक संबंध बढ़ा रहे हैं। यह दोहरा मापदंड है।

यमनी सेना ने इससे पहले भी कहा था कि, हाल ही में रेड सी में जिस जहाज़ को निशाना बनाया गया, वह “ETERNITY C” नाम का जहाज़ था, जो इज़रायल को कई बार तुर्की और मिस्र के बंदरगाहों से माल पहुंचा चुका है।

यमनी सैन्य सूत्रों के अनुसार, जहाज़ को चेतावनी दी गई थी कि यदि वह रेडियो पर जवाब नहीं देगा, तो उसे सीधे निशाना बनाया जाएगा। इस चेतावनी की अनदेखी के बाद उस पर हमला किया गया। यह जहाज़ COSMO SHIPMANAGEMENT SA नामक कंपनी के अधीन है, जिसकी अन्य कई जहाज़ भी इज़रली बंदरगाहों से जुड़े रहे हैं।

इस कंपनी के जहाज़ “HSL NIKE” और “FAITH” ने हाल के महीनों में तुर्की और मिस्र से इज़राइली बंदरगाहों तक कई बार सामान पहुँचाया है। यमनी सेना ने समुद्री कंपनियों और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे इज़राल के साथ कोई भी व्यापारिक सहयोग न करें, ताकि उनके जहाज़ और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित रह सके।

यमनी अधिकारी ने कहा कि समुद्र सभी के लिए सुरक्षित है, सिवाय उन जहाज़ों के जो इज़रायल जा रहे हैं या प्रतिबंध तोड़ने वाली कंपनियों से जुड़े हैं। यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक ग़ाज़ा की नाकेबंदी पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाती। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई कंपनी यमन के इस निर्णय की अवहेलना करती है, तो उसके जहाज़ और स्टाफ की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उसी कंपनी की होगी।

यमन की नौसेना ने सभी जहाज़ों से अपील की है कि वे अपने संपर्क विवरण चालू रखें और ज़रूरत पड़ने पर चैनल 16 या info@navy.gov.ye के माध्यम से संपर्क करें।अंत में, अल-मसीरा चैनल द्वारा जारी वीडियो में यह स्पष्ट हुआ कि ETERNITY C का असली गंतव्य इज़रायली बंदरगाह “उम्म अल-रशराश (एइलेट)” था, हालांकि रास्ते में जहाज़ ने जेद्दा (सऊदी अरब) को भ्रम पैदा करने और लॉजिस्टिक उद्देश्य से एक फर्जी पड़ाव बताया।

जहाज़ के कर्मचारियों ने बाकी कंपनियों को चेतावनी दी कि अगर उन्होंने इज़रायल के साथ कारोबार किया, तो उन्हें भी ऐसा ही अंजाम भुगतना होगा। अंत में, उन्होंने फ़िलिस्तीनी लोगों से माफ़ी मांगते हुए कहा कि, वे इज़रायल की ओर जाने के लिए शर्मिंदा हैं।

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