इज़रायल में आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू के घर के बाहर आग लगाई
ग़ाज़ा युद्ध और बंदी इज़रायली क़ैदियों की रिहाई को लेकर इज़रायल के अंदर विरोध अब सीधा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ख़िलाफ़ भड़क उठा है। आज सुबह यरुशलम में प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू के घर के बाहर आग लगा दी, जिससे आसपास खड़े कई वाहन भी जल उठे। यह घटना इस बात का सबूत है कि, जनता का ग़ुस्सा अब प्रशासन के क़ाबू से बाहर हो रहा है।
नेतन्याहू सरकार की ज़िद—ग़ाज़ा पर क़ब्ज़े की योजना और युद्ध को जारी रखने के खिलाफ़ हर वर्ग में आक्रोश है। इज़रायली बंदियों के परिवारों ने रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर के घर के बाहर प्रदर्शन किया और मांग की कि तुरंत युद्ध रोका जाए और क़ैदी अदला-बदली समझौता किया जाए।
यह ग़ुस्सा सिर्फ़ सड़कों तक सीमित नहीं रहा। बस्तीवालों ने यरुशलम के पास “लात्रुन” सड़क पर कार रैली निकाली और “युद्ध बंद करो” का संदेश दिया। वहीं दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों ने यरुशलम की राष्ट्रीय पुस्तकालय में धरना देकर सरकार की नीतियों का खुला विरोध किया।
स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि चैनल 12 की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को पुस्तकालय की छत पर चढ़े 13 प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार करना पड़ा। लेकिन गिरफ्तारी भी यह संकेत देती है कि नेतन्याहू प्रशासन जनता की आवाज़ को दबाने की कोशिश में है, जबकि समाज का बड़ा हिस्सा अब युद्ध और नेतन्याहू की नीतियों को अस्वीकार कर चुका है। नेतन्याहू पर दबाव दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। एक तरफ़ ग़ाज़ा युद्ध में असफलता और दूसरी ओर अंदरूनी विरोध—यह दोनों ही मिलकर उनके नेतृत्व को गंभीर संकट में डाल चुके हैं।

