सऊदी अरब को फिर से हथियार सप्लाई करेगा अमेरिका
अमेरिका के पूर्व राष्ट्र्पति ट्रम्प ने सऊदी अरब को अमेरिका के लिए दुधारू गाय के समान बताया था. बाइडन प्रशासन ने हालाँकि शुरू में सऊदी अरब को लेकर थोड़ी बेरुखी दिखाई लेकिन लगता है अमेरिका एक बार फिर सऊदी अरब को लेकर ट्रम्प की ही नीतियों पर आगे बढ़ रहा है.
बाइडन प्रशासन सऊदी अरब पर लगी हथियार बिक्री की पाबंदियां हटाने को लेकर गंभीर है. रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार सऊदी अरब के अधिकारियों ने पिछले कुछ समाय में लगातार अमेरिकी अधिकारियों के साथ हुई बैठकों में इस मुद्दे को ज़ोर शोर से उठाया है. सऊदी अरब रियाज़ को अमेरिका के आधुनिक एवं घातक आक्रामक हथियारों की बिक्री पर लगी रोक को हटाने की मांग करता रहा है.
हालाँकि अमेरिकी कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने साफ़ साफ़ कहा है कि सऊदी अरब को ऐसे हथियारों पर लगी रोक को हटाने के लिए अगर कोई कोशिश होती है तो इत्मीनान रखें कि उसका डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सहित कांग्रेस के मेंबर्स की ओर से कड़ा विरोध किया जाएगा.
रायटर्स ने बाइडन प्रशासन के एक अधिकारी के हवाले से भी कहा कि अभी प्रशासन की ओर से ऐसी किसी योजना को मंज़ूरी देने की संभावना नहीं है. बता दें कि 16 जून को सऊदी यात्रा पर जा रहे बाइडन ने फरवरी 2021 में ऐलान किया था कि अमेरिका, यमन के खिलाफ सऊदी अरब को अब कोई सहयोग नहीं करेगा वहीँ यमन के खिलाफ उपयोग होने वाले हथियार भी अब सऊदी अरब को नहीं दिए जाएंगे.
बता दें कि सऊदी अरब अमेरिकी हथियारों का सबसे बड़ा ग्राहक है. अमेरिका की ओर से सऊदी को हथियारों की सप्लाई पर रोक लगाए जाने के बाद से रियाज़ बुरी तरह प्रभावित हुआ था. रियाज़ को पिछले थोड़े समय से वह हथियार मिलना बंद हो गए थे जो उसे बाइडन से पहले अमेरिकी सरकारों ख़ास कर ट्रम्प सरकार से मिलते थे.
बाइडन ने अपने राष्ट्रपति पद की शुरुआत में ही कहा था कि वह सऊदी सरकार को एक दुष्ट और असामान्य सरकार के रूप में मानते हैं और उस से उसी तरह से निपटेंगे. बाइडन ने दावे तो बड़े किये थे लेकिन अपने दावे के मुताबिक़ अमल नहीं किया हालाँकि वह सऊदी अरब से थोड़ा सा फासला ज़रूर बनाए रहे, लेकिन रियाज़ को लेकर वाशिंगटन की नीतियों में बहुत ज़्यादा बदलाव नहीं आया.