सीरियन रिफ्यूजी की वतन वापसी में अड़चने डाल रहा है अमेरिका
सीरिया, वेस्टर्न देशों की पाबंदी युद्ध पीड़ितों की वतन वापसी की राह में सबसे बड़ी रुकावट बन रही है.
सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मिक़दाद ने सीरिया पर वेस्टर्न देशों की ओर से लगाई गई पाबंदी का ज़िक्र करते हुए कहा कि अमेरिका और वेस्टर्न कंट्रीज़ की ओर से सीरिया पर थोपी गई आर्थिक पाबंदियां शरणार्थियों की उनकी देश वापसी की राह में सबसे बड़ी रुकावट बनी हुई है.
स्पूतनिक से बात करते हुए फैसल अल मिक़दाद ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में जीत के बाद दमिश्क़ कि प्राथमिकता अब देश के विकास के साथ साथ अर्थव्यवस्था और देश बुनियादी ढांचे को फिर से खड़ा करना है.
सीरिया के विदेश मंत्री ने कहा कि दमिश्क़ जंग के कारण विस्थापित हुए लोगों को फिर से बसाने के लिए बेहद गंभीर है. हम बिना किसी नियम और शर्त के रिफ्यूजी की वापसी चाहते हैं. उन्हें दावत देने की ज़रूरत भी नहीं है क्योंकि यह देश उन्ही लोगों का है.
मिक़्दाद ने कहा कि सीरिया अपने मित्र देशों के साथ मिलकर अपने लोगों को वापस लाने कि भरपूर कोशिश कर रहा है. हम चाहते हैं कि हमारे लोगों की वतन वापसी शांति और अमन के साथ हो जाए.
उन्होंने कहा कि सीरिया के खिलाफ अमेरिका और वेस्टर्न कंट्रीज़ के एकपक्षीय और ग़ैर इंसानी प्रतिबंध सीरियन रिफ्यूजी की वतन वापसी की राह में सबसे बड़ी रुकावट हैं. यह देश नहीं चाहते कि हमारे लोगों कि सुरक्षित एवं शांति के साथ वतन वापसी हो क्योंकि वह इसे एक सियासी हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं.
फैसल मिक़्दाद ने वेस्टर्न कंट्रीज़ पर आरोप लगते हुए कहा कि ब्रसेल्स सम्मेलन के दौरान पश्चिमी देशों ने जो पैसा सीरिया के लिए जमा किया, वह आतंकवादी गुटों को दिया जाता है, जो लगातार सीरियाई लोगों और देश के बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहे हैं. और इस बात का एक और साफ़ सुबूत हाल ही में दमिश्क़ एयरपोर्ट पर हुए हमले हैं जिस पर वेस्टर्न देशों ने निंदा का एक शब्द भी नहीं बोला जबकि इन हमलों में ग़ैर सैन्य अड्डों और देश के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया है.