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अमेरिका ने कूटनीति के बुनियादी उसूलों को कमजोर किया है: बकाई

अमेरिका ने कूटनीति के बुनियादी उसूलों को कमजोर किया है: बकाई

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माईल बकाई ने हालिया हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमेरिका और इज़रायल द्वारा इस्लामी गणराज्य पर किया गया हमला कूटनीति के मूल सिद्धांतों के खिलाफ और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “अमेरिका ने कूटनीति के बुनियादी उसूलों को कमजोर किया है और अब उस पर हमारा भरोसा शून्य से भी नीचे चला गया है।”

बकाई ने तसनीम न्यूज़ एजेंसी से बातचीत में कहा कि यह हमला उस समय हुआ जब ईरान वार्ता की प्रक्रिया में था, जो इस बात का प्रमाण है कि अमेरिका और उसके सहयोगी संवाद और सहयोग की भाषा को नहीं समझते। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि ईरान हमेशा संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देता है, लेकिन हमला बातचीत के बीच किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार एक स्पष्ट आक्रामक क़दम है।

मौजूदा हालात में संभावित बातचीत की अटकलों पर टिप्पणी करते हुए बकाई ने कहा, “मुलाकातें और बातचीत हमेशा चर्चा में रहती हैं, लेकिन हमें समझना चाहिए कि बातचीत भी एक तरह की लड़ाई है। जैसे हमारी सेना देश की रक्षा करती है, वैसे ही विदेश मंत्रालय का कर्तव्य है कि वह कूटनीतिक साधनों से राष्ट्रीय हितों की रक्षा करे।”

बकाई ने कहा कि कूटनीति सिर्फ सौहार्द्र का मंच नहीं है, बल्कि यह एक कठिन मोर्चा है, जिसमें राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए दृढ़ता की आवश्यकता होती है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया और क्षेत्रीय संवाद की अहमियत पर ज़ोर देते हुए कहा कि “हमें अपनी सच्ची कहानी खुद बयान करनी होगी। मीडिया और संचार माध्यमों के ज़रिए अपनी वास्तविकता दुनिया तक पहुँचाना ज़रूरी है।”

उन्होंने बताया कि 23 जून को एक ‘ज़ायोनी और नस्लभेदी शासन’ ने एक स्वतंत्र और ऐतिहासिक देश पर हमला किया और अमेरिका की भूमिका भी इसमें पूरी तरह आक्रामक रही। ईरान इस हमले के सभी तथ्यों को अंतरराष्ट्रीय संगठनों और मानवाधिकार संस्थाओं के सामने दस्तावेज़ों के रूप में पेश करने की प्रक्रिया में है।

प्रवक्ता ने यह भी जानकारी दी कि अब तक 100 से अधिक दृश्य दस्तावेज़ एकत्र कर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को भेजे जा चुके हैं और इस मुद्दे पर क्षेत्रीय स्तर पर आपात बैठकें और प्रस्तावों की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि हालिया हमलों में चार गर्भवती महिलाओं की भी मौत हुई है। “उन बच्चों से लेकर हमारे वैज्ञानिकों और शिक्षकों तक, ये सभी हमारे लिए अनमोल हैं।

अंत में, इस्माईल बकाई ने मीडिया और सोशल मीडिया से जुड़े लोगों से अपील की कि वे इन वास्तविकताओं को जनता तक पहुँचाएं और वैश्विक स्तर पर ईरान के पक्ष को स्पष्ट और प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करें।

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