अमेरिका की दो टूक, बग़दाद के आदेश के बावजूद इराक से नही निकलेगी अमेरिकी सेना पेंटागन के एक अधिकारी ने न्यूजवीक को बताया कि 31 दिसंबर को ऑपरेशन खत्म होने के बाद अमेरिकी सैनिक इराक में ही रहेगी। न्यूज़वीक के साथ एक साक्षात्कार में पेंटागन की प्रवक्ता जेसिका मैकनालाती ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपनी स्थिति नहीं बदली है और इराक से पूरी तरह से हटने का इरादा नहीं रखता है।
अमेरिका, अमेरिका-इराक रणनीतिक वार्ता के दौरान की गई प्रतिबद्धताओं का पालन करेगा। उन प्रतिबद्धताओं में से एक यह है कि इस साल के अंत तक कोई भी अमेरिकी सेना युद्ध अभियानों पर नहीं रहेगी। आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में इराकी सुरक्षा बलों की सहायता के लिए परामर्श, सहायता और आदान-प्रदान की भूमिका निभाने के लिए बग़दाद के आदेश के बावजूद अमेरिकी सेना इराक में रहेगी। जबकि कुछ दिनों पहले बहरीन की यात्रा के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इराकी रक्षा मंत्री से कहा था कि इस साल के अंत तक कोई भी अमेरिकी सैनिक इराक में नहीं रहेगा।
पेंटागन के एक बयान में कहा गया है कि दोनों देश इराक में अमेरिकी सैन्य मिशन के अगले चरण पर चर्चा करेंगे, जो आईएसआईएल हार अभियान के समर्थन में इराकी सुरक्षा बलों के साथ परामर्श, सहायता और खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
संकल्प के अनुसार, कई इराकी समूह देश में मौजूद अमेरिकी बलों को कब्जाधारी मानते हैं और इन बलों को अपने क्षेत्र से तत्काल वापस लेने पर जोर देते हैं और बार-बार सरकार से संसद के फैसले को लागू करने के लिए कहते हैं।
इराक पर अमेरिकी आक्रमण के 18 साल बाद अब इराक में सिर्फ़ ढाई हज़ार अमेरिकी सैनिक हैं। इसके अलावा इस्लामिक स्टेट से लड़ रही विशेष सैन्य दस्ते की एक छोटी गुप्त टुकड़ी भी है जिसके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं है। इराक पर आक्रमण के बाद अमेरिका की 1 लाख 60 हज़ार सैनिकों ने इराक पर क़ब्ज़ा किया था।