जितने राहत ट्रक भेजे गए, उन्हें इज़रायली सेना ने लूट लिया: ग़ाज़ा प्रशासन
ग़ाज़ा प्रशासन का कहना है कि, इज़रायल की अनुमति से ग़ाज़ा में दाख़िल होने वाले ज़्यादातर राहत ट्रकों को इज़रायली सेना की निगरानी में लूट लिया गया। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है कि ग़ाज़ा में जारी अराजकता और भुखमरी, इज़रायल की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।
ग़ाज़ा प्रशासन के मीडिया कार्यालय के अनुसार, पिछले महीने के अंत में इज़रायल ने 104 मानवीय राहत ट्रकों को ग़ाज़ा पट्टी में दाख़िल होने की अनुमति दी थी, लेकिन इन ट्रकों में से ज़्यादातर को जानबूझकर और संगठित तरीके से सुरक्षा की कमी का फायदा उठाकर लूट लिया गया। यह सब कुछ इज़रायली सेना की निगरानी में हुआ।
बयान में कहा गया है कि यह घटना ग़ाज़ा में इज़रायल की उस नीति का हिस्सा है जिसका मक़सद लगातार अराजकता पैदा करना और लोगों को भुखमरी की ओर ढकेलना है। इज़रायल की कोशिश यह है कि, मानवीय सहायता वितरण को पूरी तरह नाकाम किया जाए और नागरिकों को इसका लाभ न लेने दिया जाए।
ग़ाज़ा प्रशासन ने ज़ोर देकर कहा कि स्वास्थ्य, खाद्य और सेवाओं की न्यूनतम ज़रूरतों को पूरा करने के लिए हर दिन कम से कम 600 ट्रकों में राहत सामग्री और ईंधन की आवश्यकता है। बयान में ग़ाज़ा में जारी मानवीय त्रासदी की पूरी ज़िम्मेदारी इज़रायल और उसके समर्थक देशों पर डाली गई है और माँग की गई है कि, राहत सामग्री के प्रवेश के लिए बॉर्डर क्रॉसिंग्स को तुरंत और पूरी तरह खोला जाए।
ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 को इज़रायल द्वारा शुरू की गई नरसंहार की जंग के बाद से अब तक कम से कम 160 फ़िलिस्तीनी नागरिक भूख और कुपोषण से जान गंवा चुके हैं, जिनमें 91 बच्चे शामिल हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इज़रायल ने पिछले पाँच महीनों से ज़्यादा समय से बॉर्डर क्रॉसिंग्स को बंद रखा है, जिससे बच्चों का दूध, दवाइयाँ और ज़रूरी खाद्य सामग्री अंदर नहीं आ पा रही है।

