अल-क़स्साम ने इज़रायली बंदियों की ‘विदाई’ तस्वीर प्रकाशित की
ग़ाज़ा में इज़रायली सेना के जमीन हमलों की शुरुआत के साथ, जिनका उद्देश्य ग़ाज़ा शहर पर क़ब्ज़ा और लोगों का जबरन विस्थापन बतलाया जा रहा है, अल-क़स्साम ने यह संकेत देते हुए कि इन हमलों में इज़रायली बंदियों के मारे जाने की संभावना अधिक है, ग़ाज़ा में बंदियों की एक विदाई तस्वीर अपने टेलीग्राम चैनल पर जारी की।
फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी के हवाले से अल-क़स्साम ने लिखा कि इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ज़िद और सेनाध्यक्ष इयाल ज़मीर की आत्मसमर्पण के रवैये के चलते यह विदाई तस्वीर ज़मीनी हमले की शुरूआत पर प्रकाशित की जा रही है। कमान्डो अल-क़स्साम ने पहले ही कहा था कि, ग़ाज़ा कब्ज़ा करने के लिए कोई आसान या स्वादिष्ट टुकड़ा नहीं होगा।
अल-क़स्साम ने इज़रायली सैन्य व राजनीतिक कमान को संदेश दिया: “हम आप से डरते नहीं; हम आपके सैनिकों को जहन्नुम भेजने के लिए तैयार हैं।” उन्होंने कहा कि, उनके पास जान क़ुर्बानी देने वाली सेनाएँ, सैकड़ों कमीन और जाली-बम तैयार हैं और ग़ाज़ा पट्टी आपके सैनिकों के लिए क़ब्रगाह बन जाएगा। कमान्डो ने चेतावनी दी कि, आप एक तीव्र खींचातानी वाली जंग में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें आपके पास और अधिक हताहत तथा बंदी होंगे।
कमान्डो ने यह भी कहा कि, उन्होंने अपने सैनिकों को क़ब्ज़े वाली सेना के सैन्य वाहनों के केबिन में बम रखने की ट्रेनिंग दी है और इज़रायली बुलडोज़र उनकी नजर में प्रमुख लक्ष्य होंगे और इससे बंदियों की संख्या भी बढ़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि, बंदी ग़ाज़ा के मोहल्लों में हैं और जब तक नेतन्याहू उनके मारे जाने का फ़ैसला करते रहेंगे, वे उनकी सुरक्षा की कोई परवाह नहीं करेंगे, और इन क्रूर ऑपरेशनों के बढ़ने का मतलब यह है कि, उन्हें कोई भी बंदा ज़िंदा या मुर्दा नहीं मिलेगा, उनका नसीब रोन अराद जैसा होगा।

