ग़ाज़ा पर बीते 24 घंटे के हमलों में 92 शहीद, जिनमें 41 राहतकर्मी शामिल
इज़रायली सेना ने एक बार फिर ग़ाज़ा पट्टी को निशाना बनाते हुए बर्बर बमबारी की है, जिसमें बीते 24 घंटे के दौरान कम से कम 92 फ़िलिस्तीनी नागरिक शहीद हुए हैं। इन शहीदों में 41 राहतकर्मी भी शामिल हैं, जो ज़ख्मी और बेघर लोगों की मदद में लगे थे। यह जानकारी क़तरी चैनल अल-जज़ीरा ने मंगलवार तड़के स्वास्थ्य सूत्रों के हवाले से दी।
अल-जज़ीरा के संवाददाता के मुताबिक, इज़रायली ड्रोन विमानों ने ग़ाज़ा शहर के पश्चिमी हिस्से में स्थित रिहायशी इलाकों पर हमला किया, जिससे कई घर तबाह हो गए और मलबे में फंसे लोगों की तलाश अभी भी जारी है।
वहीं, लेबनानी चैनल अल-मयादीन ने बताया कि इज़रायली सेना ने दक्षिणी ग़ाज़ा स्थित ख़ान यूनुस के बंदरगाही क्षेत्र में शरणार्थियों के टेंट को भी बमबारी का निशाना बनाया। इन टेंटों में वे बेघर फिलिस्तीनी रह रहे थे जो पहले ही अपने घर गंवा चुके हैं।
इन हमलों के दौरान इज़रायली सेना ने न सिर्फ आम नागरिकों को, बल्कि विशेष रूप से उन राहतकर्मियों को भी निशाना बनाया जो युद्ध-ग्रस्त इलाकों में घायलों को बचाने और राहत पहुंचाने में जुटे थे। 41 राहत-कर्मियों की शहादत इस बात का साफ़ सबूत है कि इज़रायल जानबूझकर मानवीय सेवाओं को बाधित करना चाहता है।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं और मानवाधिकार संगठन खामोश हैं। न संयुक्त राष्ट्र और न ही कोई पश्चिमी ताक़त इस बर्बरता को रोकने के लिए आगे आ रही है। ग़ाज़ा में हालात हर घंटे बद से बदतर होते जा रहे हैं, और ज़मीनी हालात यह साबित कर रहे हैं कि, इज़रायल का मक़सद सिर्फ़ हमास नहीं, बल्कि पूरे फ़िलिस्तीनी समाज को तबाह करना है।

