पिछले 24 घंटे में गाज़ा पर हुए इज़रायली हमलों में 64 आम नागरिक शहीद
क़तर के चैनल अल-जज़ीरा ने मंगलवार तड़के रिपोर्ट दी कि पिछले एक दिन में इज़रायली हमलों में ग़ाज़ा पट्टी के अंदर 64 लोग शहीद हुए हैं, जिनमें 12 रेस्क्यू वर्कर भी शामिल हैं। फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के अंतरराष्ट्रीय डेस्क के मुताबिक़, इज़रायली शासन के इन अपराधी हमलों और फ़िलिस्तीनियों के कत्लेआम पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और संगठनों की चुप्पी बनी हुई है और ये हमले मंगलवार तड़के तक जारी रहे।
अल-जज़ीरा ने चिकित्सकीय सूत्रों के हवाले से बताया कि सोमवार तड़के से लेकर मंगलवार तड़के तक के हमलों में 64 लोग शहीद हुए, जिनमें 12 स्वास्थ्य व आपातकर्मी थे। अल-जज़ीरा के संवाददाता ने ग़ाज़ा से बताया: “कब्ज़ा करने वाले विमानों ने ग़ाज़ा शहर की अल-वहदा स्ट्रीट पर स्थित अल-इसरा टॉवर के पास एक रिहायशी इमारत को निशाना बनाया।”
लेबनानी चैनल अल-मयादीन ने भी रिपोर्ट दी: “क़ब्ज़ा करने वाली सेना ने उत्तरी-पश्चिमी ग़ाज़ा शहर के शेख़ रिदवान इलाक़े के पूर्वी हिस्से में नागरिकों के घरों को ढहाने के लिए बम से लैस एक रोबोट का इस्तेमाल किया।”
नेतन्याहू युद्ध अपराधी है: हमास
फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन हमास ने सोमवार रात कहा कि, ग़ाज़ा की रिहायशी इमारतों को ढहाना प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का घमंड, उनकी सैडिस्ट मानसिकता और अपराधी चेहरा उजागर करता है।
फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के अंतरराष्ट्रीय डेस्क के अनुसार, हमास ने एक बयान जारी कर इज़रायली शासन द्वारा ग़ाज़ा की टॉवर इमारतों को गिराने की कार्रवाई की कड़ी निंदा की।
बयान में कहा गया: “ग़ाज़ा शहर की दर्जनों रिहायशी इमारतों को तबाह करने और वहाँ के लोगों को बेघर करने पर नेतन्याहू का इतराना, एक युद्ध अपराधी की सबसे डरावनी और घिनौनी तस्वीर है। अल-जज़ीरा ने इस बयान को उद्धृत करते हुए बताया: “नेतन्याहू को हम ग़ाज़ा के लोगों की तरफ़ से कहते हैं कि, यह दावा करना कि ‘हमने पहले चेतावनी दी थी, इसलिए उस जगह को छोड़ दो’ दरअसल जबरन विस्थापन और लोगों को बेघर करने की साज़िश है।”

