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दक्षिणी सीरिया में झड़प के दौरान 560 लोग लापता

दक्षिणी सीरिया में झड़प के दौरान 560 लोग लापता

सीरिया के दक्षिणी हिस्से, विशेष रूप से स्वेइदा प्रांत में 13 जुलाई को शुरू हुई खूनी झड़पों ने एक नया मानवाधिकार संकट खड़ा कर दिया है। इस संघर्ष में अब तक 560 से ज़्यादा लोग लापता हो चुके हैं, जिनमें 52 महिलाएं और 26 बच्चे भी शामिल हैं। ये आंकड़े सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) ने जारी किए हैं।

ये झड़पें अबू मुहम्मद अल-जूलानी की अस्थायी सीरियाई सरकार के सशस्त्र गुटों और स्थानीय द्रूज़ समुदाय के बीच हुईं। रिपोर्ट्स के अनुसार, केवल आमने-सामने की गोलीबारी ही नहीं, बल्कि मनमानी गिरफ्तारियां, जबरन गायब करना, गैर-कानूनी फांसी और नागरिकों के खिलाफ ज़्यादती जैसी घटनाएं भी सामने आईं हैं।

परिवार वालों का कहना है कि ना तो कोई आधिकारिक जानकारी दी जा रही है, और ना ही लापता लोगों की तलाश के लिए गंभीर कदम उठाए जा रहे हैं। कई परिवार अपनी बेटियों और बच्चों के बारे में जानने को दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन सरकार या कोई भी पक्ष स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा। 19 जुलाई को स्थानीय स्तर पर एक समझौता करने की कोशिश की गई ताकि हिंसा पर काबू पाया जा सके, लेकिन हालात में कोई सुधार नहीं आया है। भय और अनिश्चितता का माहौल अब भी बना हुआ है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि, इस पूरे क्षेत्र में अब इज़रायली हस्तक्षेप साफ़ दिखाई दे रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज़ायोनी शासन ने दक्षिणी सीरिया में हस्तक्षेप कर वहां विभाजन की राजनीति शुरू कर दी है। दूसरी ओर, जूलानी का शासन न सिर्फ़ चुप्पी साधे है बल्कि इज़रायल के साथ सामान्य रिश्तों की कोशिशों के संकेत भी देता रहा है। परिजनों की मांग है कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं, मीडिया और मानवाधिकार संगठन इस संकट पर ध्यान दें और दबाव बनाएं ताकि लापता लोगों की स्थिति स्पष्ट हो और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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