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52% इज़रायली, नेतन्याहू के चुनाव में उम्मीदवार बनने के विरोध में: सर्वे 

52% इज़रायली, नेतन्याहू के चुनाव में उम्मीदवार बनने के विरोध में: सर्वे 

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी फ़ार्स की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, क़ब्ज़े वाले इज़रायली क्षेत्रों में एक सर्वेक्षण ने बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ जनता की बढ़ती नाराज़गी को उजागर किया है। सर्वेक्षण में पाया गया कि 52 प्रतिशत इज़रायलियों ने आगामी चुनावों में नेतन्याहू के प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन का विरोध किया। यह आंकड़ा खासकर ग़ाज़ा संघर्ष के बाद और अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि हाल की हिंसक घटनाओं ने इज़रायली जनता में सुरक्षा और नेतृत्व को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

चैनल 12 द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि 70 प्रतिशत इज़रायलियों का मानना है कि, यह चुनाव उनके देश के भविष्य के लिए निर्णायक साबित होगा। इसके विपरीत, लगभग 20 प्रतिशत लोगों का मानना है कि चुनाव इस राज्य की मौलिक प्रकृति में कोई बड़ा बदलाव नहीं ला पाएगा।

सर्वेक्षण में यह भी पूछा गया कि चुनाव कब होना चाहिए। 49 प्रतिशत ने तुरंत चुनाव कराने की वकालत की, जबकि 40 प्रतिशत ने इसे निर्धारित समय यानी नवंबर 2026 तक आयोजित करने का समर्थन किया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि इज़रायली जनता में नेतन्याहू के नेतृत्व को लेकर असंतोष बढ़ रहा है और लोग तात्कालिक बदलाव चाहते हैं।

विपक्षी दलों में प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार के सवाल पर नफ्ताली बेंट को 44 प्रतिशत समर्थन मिला, जबकि यायर लापिड को 16 प्रतिशत, यायर गोलन और गादी आइज़ेनकोट को 11 प्रतिशत-11 प्रतिशत, अविकडोर लीबरमैन को 10 प्रतिशत और बेनी गंत्ज़ को मात्र 2 प्रतिशत समर्थन मिला। विशेषज्ञों का मानना है कि, ग़ाज़ा युद्ध के बाद नेतन्याहू के खिलाफ यह विरोध एक स्पष्ट संकेत है कि जनता उनके नेतृत्व पर सवाल उठा रही है और चुनाव में बड़े बदलाव की संभावना है। आगामी चुनाव इज़रायल के राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकते हैं।

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