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24 घंटे के अंदर गाजा में इजरायली बमबारी में 178 फिलिस्तीनी शहीद

24 घंटे के अंदर गाजा में इजरायली बमबारी में 178 फिलिस्तीनी शहीद

इजरायल और हमास के बीच युद्ध-विराम खत्म होते ही गाजा में कोहराम मच गया है। इजरायल गाजा में ताबड़तोड़ बमबारी कर रहा है। आलम यह है कि युद्धविराम खत्म होने के 24 घंटे के भीतर सैकड़ों फिलिस्तीनी मारे गए हैं और घायल हुए है। गाजा में पहले से ही हालात भयावह थे और अब दोबारा जंग शुरू होने के बाद हालात और भयावह हो गए हैं।

गाजा को कोई मानवीय सहायता भी नहीं मिल पा रही है। कोई भी सहायता काफिला या ईंधन ट्रक गाजा में शुक्रवार शाम तक प्रवेश नहीं कर पाया। ताजा हमलों के बीच मिस्र में घायल लोगों की निकासी रोक दी गई थी, मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओसीएचए) ने भी अपने नवीनतम स्थिति आकलन में रिपोर्ट दी है।

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, शुक्रवार तड़के युद्ध-विराम खत्‍म होने के बाद से गाजा में कम से कम 178 लोग मारे गए हैं और 589 लोग घायल हुए हैं। इजरायली हमलों में अब तक 15,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं शामिल हैं।

अल जज़ीरा ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने इजरायल को 100 तथाकथित “बंकर बस्टर” बम भेजे थे। प्रत्येक का वजन करीब 907 किलोग्राम (2,000 पाउंड) था।

अमेरिका द्वारा इजरायल को भेजे गए यह वो प्रमुख बम हैं जिनका इस्तेमाल अमेरिका ने अतीत में अफगानिस्तान, इराक और सीरिया में अपने युद्धों में किया, लेकिन मुख्य रूप से खुले क्षेत्रों मे। अब इजरायल इन बमों का इस्तेमाल गाजा में एक बहुत ही अलग वातावरण में, घनी आबादी वाले नागरिक पर कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बात सामने आने के बाद अमेरिका में ही सरकार से सवाल पूछे जाने लगे हैं कि क्या इन ‘बंकर बमों’ को इजरायल को मुहैया कराना गलत नहीं है?

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, हथियारों की यह डिलीवरी गाजा पर युद्ध के दौरान इजरायल को आपूर्ति की गई “हथियारों की बढ़ोतरी” का हिस्सा थी, जिसमें करीब 15,000 बम और 57,000 तोपखाने के गोले शामिल थे।

अमेरिकी अधिकारियों ने अखबार को यह भी बताया कि इजरायल ने उत्तरी गाजा में जबालिया शरणार्थी शिविर पर हमले में वाशिंगटन द्वारा उपलब्ध कराए गए बम का इस्तेमाल किया था, जिसमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

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