ग़ाज़ा में पानी के इंतज़ार में खड़े बच्चों पर इज़रायली बमबारी में 17 बच्चे शहीद
इज़रायली अत्याचारों की फेहरिस्त में एक और खौफनाक अध्याय जुड़ गया है। ग़ाज़ा में पीने के पानी के लिए लाइन में खड़े मासूम बच्चों पर इज़रायल ने हवाई हमला कर दिया, जिसमें कम से कम 17 बच्चे मौके पर ही शहीद हो गए। यह हमला ग़ाज़ा की एक व्यस्त मार्केट और जल वितरण केंद्र को निशाना बनाकर किया गया, जहां बड़ी संख्या में नागरिक पानी के लिए इकट्ठा थे।
हमले के बाद पूरे इलाके में चीख-पुकार मच गई, जगह-जगह जलते मलबे और बच्चों की लाशें बिखरी पड़ी थीं। ग़ाज़ा का आसमान धुएं से भर गया, और सड़कें खून से लथपथ हो गईं। यह वही ग़ाज़ा है जहां इज़रायली फौज कई हफ्तों से लगातार बमबारी कर रही है, अस्पताल, स्कूल, शरणार्थी शिविर और अब पानी जैसी बुनियादी जरूरतों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
अरब मीडिया ने बताया कि ईंधन की कमी के कारण संयुक्त राष्ट्र की 8 एजेंसियों ने ग़ाज़ा में अपने सभी कामकाज बंद कर दिए हैं। UNRWA के मुताबिक, खाने और इलाज की कमी के चलते एक और नवजात बच्चा कुपोषण का शिकार होकर दम तोड़ गया। इज़रायल के विपक्षी नेता यायर लैपिड ने खुद भी इस बात को स्वीकार किया है कि ग़ाज़ा के रफ़ा क्षेत्र में बनाए जा रहे कैंप ‘कंसन्ट्रेशन कैंप’ जैसे हैं, जहां फ़िलिस्तीनियों को बंद करके रखा जा रहा है और बाहर निकलने की इजाज़त नहीं दी जा रही।
ग़ाज़ा की स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक इज़रायली हमलों में 58,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं, जबकि घायल लोगों की संख्या 1,38,520 से भी ज़्यादा हो गई है। इन आंकड़ों में बड़ी तादाद में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जिससे यह साबित होता है कि इज़रायली बमबारी का सबसे बड़ा निशाना आम, बेगुनाह नागरिक हैं — और दुनिया अब भी खामोश है।

