लेबनान में पेजर ब्लास्ट के बाद वॉकी-टॉकी ब्लास्ट से 14 की मौत
बेरूत: मंगलवार को लेबनान में हुए पेजर धमाकों के बाद अब बुधवार को वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुए हैं। अल जजीरा के मुताबिक इस हमले में अब तक 14 लोगों की मौत हुई है, वहीं 450 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राजधानी बेरूत के कई इलाकों में सोलर सिस्टम में भी धमाकों की जानकारी सामने आई है। इनमें से एक धमाका हिजबुल्लाह सांसद अली अम्मार के बेटे के जनाजे के समय हुआ। वह 17 सितंबर को पेजर में हुए धमाके में शहीद हुए थे। लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाके एक-दूसरे से बातचीत के लिए इन वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करते हैं।
रॉयटर्स ने एक सुरक्षा सूत्र के हवाले से बताया कि हाथ में पकड़े जाने वाले रेडियो या वॉकी-टॉकी हिजबुल्लाह द्वारा पांच महीने पहले खरीदे गए थे, लगभग उसी समय जब पेजर खरीदे गए थे। मंगलवार को हुए विस्फोटों को संगठन के इतिहास में सबसे बड़ी सुरक्षा चूक करार दिया गया है। एक दिन पहले दो बच्चों सहित कम से कम 12 लोग मारे गए और लगभग 3,000 लोग घायल हो गए, जिनमें कई लड़ाके और बेरूत में ईरान के राजदूत भी शामिल हैं।
इन वॉकी टॉकी का नाम ICOM V 82 है, जो जापान में बनती हैं। मिडिल ईस्ट में तनाव के बीच लेबनान में यह दूसरा बड़ा तकनीकी हमला है। इससे पहले ब्रिटिश न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि इज़रायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने हिजबलुल्लाह के 5000 पेजर्स में विस्फोटक लगाए थे।
लेबनान के अधिकारियों ने दावा किया है कि इज़रायल ने देश में आयात किए गए पेजर के साथ छेड़छाड़ की है। पेजर बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि डिवाइस पर उसका ब्रांड तो था, लेकिन उन्हें बुडापेस्ट की एक कंपनी ने बनाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक पेजर में बैटरी के बगल में लगभग 1 से 2 औंस विस्फोटक सामग्री लगाई गई थी।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर में ग़ाज़ा युद्ध शुरू होने के बाद हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को मोबाइल फोन से बचने और इज़रायली हमलों को रोकने के लिए अपने स्वयं के दूरसंचार प्रणाली पर भरोसा करने का निर्देश दिया था। लेबनान के आंतरिक सुरक्षा बलों ने कहा कि देश भर में कई वायरलेस संचार उपकरणों को विस्फोटित किया गया था, विशेष रूप से बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में, जो हिजबुल्लाह का गढ़ है।