गाजा में 1,000 बच्चों के हाथ बिना एनेस्थीसिया के काट दिए गए: संयुक्त राष्ट्र
इज़रायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है। शुरुआती संघर्ष के दौरान इज़रायल ने गाजा जाने वाली सभी तरह की सप्लाई रोक दी थी। इसमें मेडिकल सप्लाई को भी रोका गया। अब संयुक्त राष्ट्र ने दावा किया है कि गाजा के अस्पतालों में कम से कम 1000 बच्चों के हाथ बिना एनेस्थीसिया दिए ही काट दिए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इज़रायल ने जरूरी दवाओं की सप्लाई लेकर आने वाली गाड़ियों की एंट्री भी रोक दी थी। संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत फ्रांसेसा अल्बनीज ने एक्स पर लिखा कि इज़रायल गाजा के उन इलाकों पर बमबारी कर रहा है जिन्हें उसने सुरक्षित बताया है। उन्होंने लिखा, ‘वह पूरे परिवारों को खत्म कर रहा है, अनगिनत बच्चों को अनाथ बना रहा है और अनगिनत पुरुषों और महिलाओं को अपनी संतानों को जीवन संघर्ष के लिए मजबूर कर रहा है। उन्होंने कहा कि गाजा में प्रत्येक कहानी कष्टदायी है।
यूनिसेफ ने कहा है कि गाजा में कम से कम 9,000 से अधिक बच्चे इज़रायली बमबारी में घायल हो गए हैं, इससे उन्हें एक हाथ या पैर खोने की समस्या से जूझना पड़ा है। 7 अक्टूबर को एक अप्रत्याशित हमले में हमास द्वारा इज़रायल पर हमला करने के बाद इज़रायल ने 27 अक्टूबर को गाजा के अंदर एक ज़मीनी आक्रमण शुरू किया।
बता दें कि, हमास और इज़रायल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से, कम से कम 21,320 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, इनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं, जबकि 55,603 फिलिस्तीनी घायल हुए हैं। हमास के हमले के बाद से इज़रायल का आम जनता पर अत्याचार जारी है।
इज़रायल ने हमास के खात्मे का संकल्प लिया है लेकिन इज़रायली बमबारी की वजह से गाजा में आम फिलिस्तीनियों का जीवन नर्क से भी बदतर हो गया है। कब मौत उनके दरवाजे पर दस्तक दे देगी, किसी को नहीं पता। जो घायल बच रहे हैं उनका जीवन और भयावह है, क्योंकि गाजा के अस्पतालों में इलाज के लिए चिकित्सकीय उपकरणों और दवाइयों की कमी है। इन सब के बीच संयुक्त राष्ट्र ने एक झकझोर देने वाला दावा किया है।