रूसी राष्ट्रपति पुतिन पहुंचे तेहरान, सुप्रीम लीडर से की मुलाक़ात
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान के बाद, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी मंगलवार की शाम को तेहरान पहुंचे हैं। तेहरान पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले ईरान की इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने सीरिया के मामले को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सीरिया के विषय में एक अन्य महत्वपूर्ण मामला फोरात के पूर्वी क्षेत्र का अमेरिकियों द्वारा क़ब्ज़ा है कि अमेरिकियों को बाहर निकाल कर इस समस्या का समाधान किया जाना चाहिये।
इस बैठक में सुप्रीम लीडर ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय घटनायें व परिवर्तन इस बात के सूचक हैं कि रूस और ईरान को एक दूसरे को अधिक से अधिक सहयोग करने की ज़रूरत है और तेल व गैस सहित विभिन्न क्षेत्रों में दोनों मुल्कों के बीच हो चुके समझौतों को गंतव्य तक पहुंचाया और अमली जामा पहनाया जाना चाहिये।
साथ ही उन्होंने ईरान और रूस के मध्य आर्थिक सहयोग को विशेषकर पश्चिम के प्रतिबंधों के बाद ज़रूरी और दोनों देशों के हित में बताया है और रूस-यूक्रेन के मध्य होने वाली घटनाओं के संबंध में कहा कि जंग एक हिंसात्मक व सख्त चीज़ है और ईरान इस चीज़ से बिल्कुल खुश नहीं है कि आम लोग इसकी भेंट चढ़ें ।परंतु यूक्रेन के मामले में अगर आपने पहल न की होती तो दूसरा पक्ष जंग का तर्क बना लेता।
मंगलवार की शाम हुई इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने इस बात पर भी ज़ोर देते हुए कहा कि पश्चिम स्वाधीन और शक्तिशाली रूस का विरोधी है और नाटो ख़तरनाक चीज़ है और अगर नाटो के सामने रास्ता खुला रहता है तो वह किसी सीमा को नहीं पहचानता और अगर यूक्रेन में उसे न रोका जाता तो कुछ समय के बाद वह क्रीमिया का बहाना बनाकर इसी युद्ध का आरंभ करता।
उन्होंने कहा कि अलबत्ता आज अमेरिका और पश्चिम पहले से अधिक कमज़ोर हो गये हैं और भारी खर्च और प्रयास के बावजूद सीरिया, लेबनान और फिलिस्तीन सहित हमारे क्षेत्र में उनकी राजनीतिक पकड़ बहुत कम हो गयी है। ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह ख़ामेनई ने इस बैठक में क्षेत्रीय मामलों में ज़ायोनी शासन के हस्तक्षेप की निंदा की और ज़ायोनियों के खिलाफ़ रूसी राष्ट्रपति के हालिया दृष्टिकोणों की सराहना की।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाक़ात के समय ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी भी मौजूद थे और सुप्रीम लीडर ने ईरान और रूस के मध्य सहयोग को दोनों देशों के हित में बताया और राष्ट्रपति पुतिन को संबोधित करते हुए कहा कि आप और हमारे राष्ट्रपति दोनों अमल करने वाले हैं। इस आधार पर दोनों देशों के मध्य सहयोग व सहकारिता को इस दौर में शिखर पर पहुंच जाना चाहिये।
उन्होंने ने पश्चिम की धूर्तता व पाखंड के मुक़ाबले में होशियार रहने को ज़रूरी बताया और कहा कि अमेरिकी ज़ोर ज़बरदस्ती करने वाले और पाखंडी हैं और पूर्व सोवियत संघ के विघटन का एक कारण अमेरिका की धूर्तता और पाखंडी नीतियों के धोखे में आ जाना था हालाँकि रूस ने आप के दौर में अपनी स्वाधीनता को सुरक्षित कर लिया है।
इस मुलाक़ात में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतीन ने भी यूक्रेन में होने वाली घटनाओं के बारे में कहा कि कोई भी युद्ध का पक्षधर नहीं है और आम लोगों का जान देना एक बड़ी ट्रैज़्डी है किन्तु पश्चिम इस बात का कारण बना कि हमारे पास प्रतिक्रिया दिखाने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा।