ईरान पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध ग़ैर क़ानूनी: संयुक्त राष्ट्र

ईरान पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध ग़ैर क़ानूनी: संयुक्त राष्ट्र

अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को ग़ैर क़ानूनी घोषित करते हुए संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टर ने बाइडन सरकार से कहा है कि खाने पीने की चीज़ों से लेकर दवाओं, पानी और स्वास्थ्य संबंधी वस्तुओं के बारे में ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल समाप्त करे।

बुधवार की शाम एक पत्रकार सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष रिपोर्टर एलना दोहान ने एक पक्षीय क़दमों से मानवाधिकारों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के मामले के नतीजे को बयान किए।

उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा ईरान पर जो प्रतिबंध लगाए गए हैं वे मानवाधिकार परिषद और सयुंक्त राष्ट्र महासभा की नज़र से न्यायसंगत नहीं हैं इनका कोई तर्क नहीं हो सकता है।

साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि अमेरिका द्वारा इन प्रतिबंधों के चलते ईरान में मानवाधिकारों की स्थिति ख़तरे में है इन पाबंदियों की वजह से सामान का निर्यात बैंकों की गतिविधियां और दवाओं की सप्लाई सब प्रभावित हुई है। इन पाबंदियों के चलते सरकार की आमदनी कम हुई है और ग़रीब वर्ग के लिए समस्याएं बढ़ी हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी के बाद ईरान पर बहुत सारे प्रतिबंध लगा दिए गए जिनके चलते ईरान का बैंकिंग सेक्टर और तेल व गैस विभाग अनेक समस्याओं में फंस गया। इन पाबंदियों के चलते ईरान की आम जनता को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

आर्थिक शोधकर्ताओं मैटियस नवीनकृष और फ़्लोरियन न्वीमायर ने अलग अलग देशों पर लगाई गई पाबंदियों के प्रभावों और नतीजों की समीक्षा की है।

उनका मानना है कि इन पाबंदियों से समाज में ग़रीबी और असमानता बढ़ती है और देशों की जीडीपी प्रभावित होती है। 1991 से 2018 के बीच अमेरिका द्वारा लगाई गई पाबंदियों से अलग अलग देशों में 3.5 प्रतिशत ग़रीबी बढ़ी जबकि इन देशों की जीडीपी में दो प्रतिशत की कमी हुई।

आपको बता दें कि अमेरिका द्वारा लगाए पाबंदियों का सामना कर रहे ईरान में भी व्यापार काफी अधिक प्रभावित हुआ है। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्टर ने कहा कि ईरान की 100 से 120 अरब डालर की रक़म इन पाबंदियों की भेंट चढ़ गई।

अमेरिका की इन पाबंदियों के चलते मानवता प्रेमी सहायताओं के रास्ते में भी गंभीर रुकावटें उत्पन्न हो गई हैं। ईरान में बड़ी संख्या में अफ़ग़ान शरणार्थी रहते हें इन पाबंदियों का असर शरणार्थियों पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ रहा है।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टर का बयान को देखते हुए ईरानी सरकार के प्रवक्ता अली बहादुरी जहरुमी ने भी कहा है कि ईरान पर अमेरिका की ओर से लगाए गए प्रतिबंध ग़ैर क़ानूनी है और यह अमेरिका की एक और बड़ी बदनामी है।

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