Site icon ISCPress

अल सीसी की विदाई तय, अमीरात ने उत्तराधिकारी की तलाश तेज़ की

मिस्र की निर्वाचित सरकार के खिलाफ अब्दुल फ़त्ताह के सैन्य विद्रोह के बाद से ही संयुक्त अरब अमीरात ने मिस्र को अरबों डॉलर की सहायता देते हुए इस देश की ऊर्जा ज़रूरतों समेत हर तरह ध्यान रखा तथा भारी मात्रा में निवेश किया जिस कारण मिस्र ने भी अभूतपूर्व रूप से क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अमीरात की हाँ में हाँ मिलाई। लीबिया संकट , अल नहज़ा बांध, यमन युद्ध, ज़ायोनी शासन के साथ संबंधों का सामान्यीकरण, आदि हर मुद्दे पर मिस्र ने अरब अमीरात की नीतियों को आगे बढ़ाया।
लेकिन लगता है कि मिस्र की निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर सत्ता में आए तत्काल सेनाध्यक्ष से राष्ट्रपति बनने वाले अब्दुल फ़त्ताह सीसी के सत्ता के दिन अब गिने चुने रह गए हैं।
हाल ही में दोनों देशों के बीच संबंधों में सुस्ती आयी है जिस का कारण लाल सागर और भू मध्य सागर को स्वेज़ नहर की तरह ही एक नहर से आपस में जोड़े जाने का प्रोजेक्ट है जो इस्राईल और अमीरात के बीच में होना है। लेकिन अल अरबी की रिपोर्ट के अनुसार इन सब बातों से अलग दोनों देशों के बीच जिस कारण संबंधों में ठहराव आया है वह है बिन ज़ायद का अल सीसी के नए उत्तरधिकारी की तलाश , संयुक्त अरब अमीरात की इस कोशिश ने दोनों देशों के संबंधों में खटास पैदा कर दी है।
जानकारों का कहना है कि मिस्र के प्रति यूएई की नीति भी समय के साथ बदल गई है, और अबू धाबी के अधिकारियों का मानना है कि उन्होंने काहिरा को अतीत में बहुत अधिक वित्तीय सहायता प्रदान की है, जबकि बदले में अमीरात को बहुत अधिक लाभ नहीं हुआ है।

Exit mobile version