सीरिया, आईएसआईएस और कुर्द सेना का ख़ूनी संघर्ष, 136 लोगों की मौत
सीरिया में आईएसआईएस के आतंकियों और कुर्द फोर्सेज़ के बीच गुरुवार से संघर्ष जारी है, जंग में रविवार तक 136 लोगों की मौत की ख़बर है, ISIS के 100 से ज्यादा आतंकियों ने अपने साथियों को छुड़ाने के लिए सीरिया के हसाका शहर की घवेरन जेल पर हमला किया, जिसके बाद कुर्द फोर्सेज़ ने इन पर जवाबी हमला शुरू किया था, हालांकि यह नहीं बताया गया है कि जेल से मुक्त कराए गए आतंकवादियों की संख्या कितनी है।
ब्रिटेन की सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार आईएसआईएस के लड़ाकों ने जेल पर हमला कर अपने कई साथियों को छुड़ा लिया और बहुत सारे हथियार लूट लिए, एक कार बम घवेरान जेल के प्रवेश द्वार पर लगाया और दूसरा विस्फ़ोट आसपास के क्षेत्र में हुआ, इससे पहले आईएसआईएस के आतंकवादियों ने कुर्द सुरक्षा बलों पर हमला किया, जो जेल में सुरक्षा का संचालन कर रहे थे, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस्लामिक स्टेट एक बार फिर से सीरिया में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा है, हाल के महीनों में इससे जुड़े कई ‘स्लीपर सेल’ भी एक्टिव हो चुके हैं।
सीरिया में स्रोतों के हवाले से ऑब्ज़र्वेटरी ने कहा कि कई क़ैदी भागने में सफ़ल रहे, हालांकि अभी इस बात का ख़ुलासा नहीं हो सका कि वह क़ैदी किस तरह बाहर निकलने में सफ़ल रहे, ऑब्ज़र्वेटरी के प्रमुख रामी अब्दुल रहमान ने एएफ़पी को बताया कि घवेरान पूर्वोत्तर सीरिया में आईएसआईएस लड़ाकों के आवास की सबसे बड़ी जगहों में से एक है।
कुर्द सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज़ ने रविवार को कहा जेल के आसपास के इलाक़े को सील कर दिया गया है, आतंकी अब ज़्यादा देर तक बच नहीं पाएंगे, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस लड़ाई में अब तक आईएसआईएस के 84 आतंकी और 45 कुर्द लड़ाके मारे गए हैं, जान गंवाने वालों में 7 आम नागरिक भी शामिल हैं, यूनिसेफ़ ने रविवार को हिरासत में लिए गए 850 नाबालिगों की सुरक्षा की मांग की है।
कुर्द अधिकारियों के मुताबिक़ इस शहर की अलग-अलग जेल में 50 से अधिक देशों के अपराधियों को रखा गया है, इनमें इस्लामिक स्टेट के 12 हज़ार से अधिक आतंकी शामिल हैं, आतंकियों के हमले से पहले ही जेल के अंदर उत्पात शुरू हो गया था, जिसमें कुछ क़ैदी मारे गए थे।
सीरिया में आईएसआईएस ने 2011 के आसपास बड़े पैमाने पर आतंकी हमलों की शुरुआत की थी. जिसके बाद इसने हजारों लोगों की बर्बरतापूर्वक जान ली, लेकिन 3 साल पहले अमेरिकी फोर्सेज़ के हमले की बाद इस इलाके से इनके पांव उखड़ गए थे, आतंकी अब एक बार फिर से इलाके में पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

