आपका एक वोट, दुनिया में भारत की साख और बढ़ाएगा: प्रधानमंत्री मोदी
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय जनता पार्टी नए युवा वोटर्स को साधने पर जोर आजमाती दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी के तहत गुरुवार (25 जनलरी, 2024) को 5000 जगहों पर फ्रेश वोटर्स (पहली बार मतदान करने वाले) से संवाद सकिया। इस दौरान पीएम मोदी ने युवाओं से कहा कि आपका एक वोट देश की दिशा तय करेगा।
भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम का नाम नमो नवमतदाता सम्मेलन था जिसमें देश के 5800 स्थानों से बड़ी संख्या में युवाओंं को जोड़ा गया था। इसमें पीएम मोदी ने कहा है कि जब देश में पूर्ण बहुमत वाली सरकार होती है, स्थिर सरकार होती है तो देश बड़े फैसले लेता है। दशकों से लटकी हुई समस्याओं को सुलझाकर आगे बढ़ता है।
हमारी पूर्ण बहुमत की सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाकर दशकों का इंतजार खत्म किया। हमारी पूर्ण बहुमत की सरकार ने सेना के जवानों के लिए वन रैंक, वन पेंशन लागू कर देश के पूर्व फौजियों का चार दशक का इंतजार समाप्त किया।
उन्होंने कहा कि आपका एक वोट और देश की विकास की दिशा दोनों आपस में जुड़े हुए हैं। आपका एक वोट, भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगा। आपका एक वोट, भारत में एक स्थिर और बड़े बहुमत वाली सरकार लाएगा।
आपका एक वोट, भारत में तेज रिफॉर्म की गति को और तेजी देगा। आपका एक वोट, डिजिटल क्रांति को और ऊर्जा देगा। आपका एक वोट, भारत को अपने दम पर अंतरिक्ष में पहुंचाएगा।आपका एक वोट, भारत में पहला पैसेंजर एयरक्रॉफ्ट बनाएगा।
आपका एक वोट, दुनिया में भारत की साख और बढ़ाएगा। आज जब देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लक्ष्य पर काम कर रहा है तो आपका वोट ये तय करेगा कि भारत की दिशा क्या होगी।
जिस तरह 1947 से 25 साल पहले भारत के नौजवानों पर देश को स्वतंत्र कराने का दारोमदार था, उसी तरह 2047 तक यानी 25 सालों में आप पर विकसित भारत के निर्माण की जिम्मेदारी है। आज के भारत में आपका नाम स्वर्णाक्षरों में कैसे लिखा जाए यह आपको तय करना है। हमारी गति, दिशा, अप्रोच कैसी होगी यह आप तय करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि ये कालचक्र दो वजहों से बहुत अहम है। पहला, आप सभी ऐसे समय में वोटर बने हैं, जब भारत का अमृतकाल शुरू हुआ है। दूसरा, कल 26 जनवरी को देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। अगले 25 साल आपके लिए भी और भारत के लिए भी दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण है।
18 से 25 वर्ष की आयु ऐसी होती है जब किसी का भी जीवन बहुत से बदलावों का साक्षी बनता है। इन्हीं बदलावों के बीच आप सभी को एक और जिम्मेदारी साथ-साथ निभानी है। ये जिम्मेदारी दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी में भागीदारी की है।