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पुलिस हिरासत में हत्या के जिम्मेदार योगी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें: डॉ. मोहम्मद आसिफ

पुलिस हिरासत में हत्या के जिम्मेदार योगी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें: डॉ. मोहम्मद आसिफ

अखिल भारतीय अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष डॉ. सैयद मोहम्मद आसिफ ने कहा है कि पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हुई हत्या के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। इसलिए उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। डॉ. आसिफ ने कहा कि मीडिया से बचाए जा रहे अतीक अहमद और उनके भाई को मेडिकल सहायता के लिए अस्पताल ले जाते समय मीडिया के सामने रोकने की क्या ज़रुरत थी? और मीडिया को वहां किसने पहुंचने दिया?

माना कि मीडिया को पता था कि पुलिस अतीक अहमद को किस रास्ते से ले जाएगी लेकिन सरेआम अतीक अहमद और उसके भाई को गोली मारने वाले माफिया को कैसे पता चला कि पुलिस किस समय पर उन्हें लेकर जाएगी? उन्हें कैसे पता चला कि अतीक़ और अशरफ़ को अस्पताल ले जाया जा रहा है।

वो अपराधी कैसे और क्यों पूरी तैयारी के साथ मारने के लिए उस जगह पर मौजूद थे। डॉ.आसिफ ने कहा कि ये हत्याएं सुनियोजित तरीके से की गई हैं. इसकी योजना पुलिस के सहयोग से बनाई गई थी, जिसे योगी आदित्यनाथ का पूरा समर्थन था। अगर ऐसा न होता तो अतीक के पास कोई पक्षी भी पर नहीं मार सकता था !

पुलिस सुरक्षा में हथकड़ी लगे होने के बावजूद बदमाशों ने अतीक़ पर अपनी पिस्टल तान दी और पुलिस के सामने सीधे फायरिंग करते हुए अशरफ को गोली मार दी। इतना ही नहीं दोनों के मारे जाने के बाद भी उन पर गोलियां बरसती रहीं। पुलिस पूरी तरह हथियारों से लैस होने के बाद भी बेबस होकर वहां खड़ी देखती रही।

डॉ. आसिफ ने कहा कि अगर कोई सरकार माफिया और अपराधियों को पनाह देने के लिए इस तरह का काम करती है तो यह समझ लेना चाहिए कि उसे देश की कानून व्यवस्था पर बिल्कुल भरोसा नहीं है.न्यायपालिका और कानून का उल्लंघन कर सीधे पुलिस द्वारा बदमाशों को मार दिया जाना जाना, लोकतंत्र के खिलाफ है।

मोर्चा अध्यक्ष डॉ. सैयद मुहम्मद आसिफ ने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का देश के संविधान और न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ गया है. इसलिए जरूरी है कि भारतीय जनता पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सीधी कार्रवाई करे। अगर वह इस्तीफा नहीं देते हैं तो राज्यपाल और राष्ट्रपति से अनुरोध करें कि न्यायपालिका और लोकतंत्र के खिलाफ काम करने वाले मुख्यमंत्री को बर्खास्त किया जाए।

डॉ. आसिफ ने कहा कि राष्ट्रपति को उत्तर प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए, इससे देश में यह संदेश जाएगा कि जिस व्यक्ति को न्यायपालिका और संविधान पर भरोसा नहीं है, उसे पद पर नहीं रहने दिया जाएगा।

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