कल एक बेटी, बहन, एक शादीशुदा महिला, एक माँ को जलील किया गया: रोहिणी आचार्य
बिहार चुनाव के नतीजों के बाद RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में जारी तनाव एक नई दिशा लेता दिख रहा है। इस उथल-पुथल के बीच लालू यादव की छोटी बेटी और पूर्व राजनेता रोहिणी आचार्य का ताज़ा X पोस्ट राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर रहा है। कुछ दिन पहले ही उन्होंने राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने का एलान किया था। अब उनके नए पोस्ट में झलका दर्द इस विवाद को और गहरा करता दिखाई देता है।
रोहिणी ने अपने पोस्ट में बेहद भावनात्मक अंदाज़ में लिखा कि बीते दिन उन्हें एक बेटी, बहन, पत्नी और माँ होने के बावजूद जलील किया गया, गंदी गालियाँ दी गईं और मारने के लिए चप्पल तक उठाया गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने न तो अपने आत्मसम्मान से समझौता किया और न ही सच से मुँह मोड़ा, लेकिन इसके बदले उन्हें अपमान और तिरस्कार झेलना पड़ा। उनका दावा है कि मजबूरी में उन्हें अपने रोते हुए माँ-बाप और बहनों को छोड़कर घर से जाना पड़ा और उनसे उनका मायका छीन लिया गया, जिससे वे खुद को अनाथ जैसा महसूस कर रही हैं। उन्होंने आम लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि कोई भी बेटी या बहन उनके जैसी स्थिति का सामना न करे।
उनके इस बयान ने राजनीतिक चर्चाओं में नई आग लगा दी है। लालू यादव के बेहद करीब मानी जाने वाली और परिवार के हर मुश्किल समय में उनके साथ खड़ी दिखने वाली रोहिणी का यह कदम परिवार की भीतरी स्थिति पर कई सवाल खड़े करता है। राजनीति से किनारा करने और परिवार से नाता तोड़ने के उनके फैसले को पार्टी के भीतर बढ़ते तनाव का संकेत माना जा रहा है।
रोहिणी आचार्य का यह पोस्ट ऐसे समय में आया है जब RJD चुनावी नतीजों से पैदा हुई निराशा से उबरने की कोशिश कर रही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पार्टी पहले से ही चुनावी झटके से जूझ रही है और अब परिवार की कलह उसे और कमजोर कर सकती है। उनका मानना है कि चुनाव के बाद से पार्टी के भीतर असंतोष, रणनीति की असफलता और नेतृत्व विवाद की चर्चा तेज हुई है, जिसका असर लालू परिवार के भीतर भी दिखने लगा है।
गौर करने वाली बात यह है कि अब तक RJD कैंप या लालू परिवार की ओर से रोहिणी के आरोपों और भावुक बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। राजनीतिक हलकों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि यह विवाद सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि पार्टी की अंदरूनी राजनीति का भी हिस्सा हो सकता है। हालांकि, जब तक परिवार या पार्टी की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आता, स्थिति और धुंधली बनी रहेगी।
फिर भी इतना साफ है कि चुनावी झटके और परिवार में बढ़ते तनाव ने RJD के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है। चुनावी हार से उबरने की कोशिश कर रही पार्टी के लिए यह पारिवारिक विवाद भविष्य की राजनीति पर सीधा असर डाल सकता है।

