बांग्लादेश संकट पर भारत सरकार की नीतियों का समर्थन करेंगे: विपक्ष

बांग्लादेश संकट पर भारत सरकार की नीतियों का समर्थन करेंगे: विपक्ष

नई दिल्ली: बांग्‍लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर शुरू हुआ छात्र आंदोलन आखिरकार तख्‍तापलट के साथ मंद पड़ा। शेख हसीना का लंदन में रहना फिलहाल तय नहीं हुआ है, तब तक वो भारत में रहेंगी। इधर, बांग्‍लादेश संकट पर भारत में भी हलचल तेज है। केंद्र सरकार ने मंगलवार की सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले केंद्र सरकार ने संसद में सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विपक्ष ने स्पष्ट कर दिया कि वो भारत सरकार की नीतियों का समर्थन करेगा। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मौजूदा हालात और सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी।

इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने अपनी सेना को अलर्ट कर रखा है। बांग्लादेश पर हमने इंतजार करो और देखो की रणनीति बनाई है। जयशंकर ने इस घटनाक्रम के भारत पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव पर बात की और बताया कि क्या रणनीति अपनाई जाएगी। भारत सरकार ने बांग्लादेश के सेना प्रमुख से भी बात की है और फौरन शांति बहाली की अपील की है।

विदेशी साजिश से जुड़े राहुल गांधी के सवाल पर सरकार ने आश्वस्‍त किया है कि इस बिंदु पर भी जांच की जा रही है। इस बैठक में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पूछा कि क्या सरकार के पास बांग्लादेश के घटनाक्रम में किसी बाहरी ताकतों की भूमिका के बारे में कोई जानकारी है, तो जयशंकर ने कहा कि सरकार के पास केवल पाकिस्तान के राजनयिक की बदली हुई डीपी के बारे में जानकारी है जो विद्रोहियों को उनके समर्थन को दर्शाती है।”

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट पर हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार की अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति पर सवाल किया। साथ ही उन्‍होंने मौजूदा हालात के लिए विदेशी साजिश की भूमिका की ओर भी इशारा किया। सरकार ने पाकिस्‍तान के राजनयिक DP में बदलाव की बात करते हुए आश्‍वस्‍त किया कि इसकी जांच की जा रही है।

दूसरी ओर कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने कहा, ‘सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण संकेत, जो हमें बांग्लादेश के लोगों को भेजना है, वो ये किहम उनके साथ खड़े हैं। हम उनके अपने राजनीतिक भविष्‍य और अपने प्रतिनिधि का निर्धारण करने के अधिकार के लिए खड़े हैं। उम्मीद है कि वहां माहौल शांत हो। वहां स्थिति आने वाले एक-दो दिन में स्थिर हो सकती है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो निश्चित रूप से भारत में शरणार्थियों के आने की आशंका है।

विपक्षी नेताओं ने आश्वासन दिया कि वे केंद्र सरकार के साथ खड़े रहेंगे। सरकार को इस बारे में कदम उठाने की पूरी छूट है। इस बैठक में नेता विपक्ष राहुल गांधी के अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल, डीएमके के टीआर बालू, जेडीयू के लल्लन सिंह, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन, राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती, शिव सेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा, एनसीपी (सपा) की सुप्रिया सुले और तेलुगु देशम पार्टी के राम मोहन नायडू आदि ने बैठक में भाग लिया।

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