जब तक ओबीसी कोटा नहीं होगा महिला आरक्षण विधेयक लागू नहीं होने दूंगी: उमा भारती
अभी तक इंडिया गठबंधन के कांग्रेस,सपा और आरजेडी ने ही जाति जनगणना के साथ ओबीसी कोटे के लिए दबाव बनाया हुआ था, लेकिन अब उन्हें भाजपा में भी अपना एक समर्थक मिल गया है।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता उमा भारती ने शनिवार को कहा कि वह महिला आरक्षण विधेयक के कार्यान्वयन का तब तक विरोध करेंगी जब तक इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रावधान शामिल नहीं होंगे।
भाजपा की वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछड़े वर्ग के लोग समाज का एक बड़ा वर्ग हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से आगामी चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की भी अपील की और वह भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को शामिल करते हुए।
भोपाल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उमा भारती ने कहा- “मैं देश की आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती हूं। हमने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाले विधेयक को स्वीकार कर लिया है, लेकिन जब तक इसमें ओबीसी को ध्यान में नहीं रखा जाएगा, मैं इस विधेयक को लागू नहीं होने दूंगी।
इससे पहले भारती ने महिला आरक्षण विधेयक लाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। अपने पत्र में उन्होंने आग्रह किया कि विधायी निकायों में महिलाओं के लिए निर्धारित 33 प्रतिशत आरक्षण में से 50 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (एसटी), अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के लिए आवंटित किया जाना चाहिए।
अपने पत्र में उन्होंने लिखा, ”संसद में महिला आरक्षण विधेयक का आना देश की महिलाओं के लिए खुशी की बात है। जब 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने सदन में यह विशेष आरक्षण पेश किया था। मैं तुरंत खड़ी हुई थी और विधेयक में एक संशोधन पेश किया और आधे से अधिक सदन ने मेरा समर्थन किया। देवेगौड़ा ने संशोधन को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया। उन्होंने विधेयक को स्थायी समिति को सौंपने की घोषणा की थी।
उमा भारती ने उस समय 33 प्रतिशत आरक्षित सीटों में से 50 प्रतिशत एसटी, एससी और ओबीसी महिलाओं के लिए अलग रखने के लिए एक संशोधन का प्रस्ताव पेश किया और उम्मीद जताई कि यह विधेयक प्रस्तावित संशोधनों के साथ पारित हो जाएगा।