अमित शाह पर लगाए गए आरोपों को लेकर कनाडा सरकार से परामर्श जारी रखेंगे : अमेरिका
कनाडा सरकार ने आरोप लगाया था कि कनाडा की धरती पर सिख अलगाववादियों को निशाना बनाने की साजिश के पीछे गृहमंत्री अमित शाह का हाथ है। हालांकि कनाडा सरकार ने अपने इस आरोप को सिद्ध करने के लिए के लिए अभी तक किसी तरह का कोई सबूत पेश नहीं किया है। भारत सरकार ने कनाडा के ऐसे पिछले सभी आरोपों को निराधार बताते हुए किसी भी तरह शामिल होने से इनकार किया है।
कनाडा के इस आरोप पर अमेरिका ने भी भी बयां दिया है। अमेरिका ने बुधवार को कहा कि भारत के गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ कनाडा के आरोप ‘चिंताजनक’ हैं और वह इस मुद्दे पर कनाडा सरकार से परामर्श जारी रखेगा। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘(भारत के गृहमंत्री के खिलाफ) कनाडा सरकार की ओर से लगाए गए आरोप चिंताजनक हैं और हम इन आरोपों को लेकर कनाडा सरकार से परामर्श जारी रखेंगे।’
कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नथाली ड्रौइन और कनाडाई संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के उप विदेश मामलों के मंत्री डेविड मॉरिसन ने वाशिंगटन पोस्ट की लीक हुई रिपोर्ट की पुष्टि की। जिसमें आरोप लगाया गया कि कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों को निशाना बनाने के अभियान के पीछे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का हाथ था।
कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार नथाली ड्रौइन और कनाडाई संसद की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के उप विदेश मामलों के मंत्री डेविड मॉरिसन ने वाशिंगटन पोस्ट की लीक हुई रिपोर्ट की पुष्टि की। जिसमें आरोप लगाया गया कि कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादियों को निशाना बनाने के अभियान के पीछे शाह का हाथ था। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक साल पहले दावा किया था कि कनाडा के पास विश्वसनीय सबूत हैं कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया में कनाडाई सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे।
कनाडाई अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि उन्होंने भारतीय अधिकारियों के साथ इस बात के सबूत साझा किए हैं। भारत सरकार के अधिकारियों ने निज्जर मामले में कनाडा की ओर से सबूत दिए जाने से इनकार किया है और आरोपों को बेतुका बताया है।
ओटावा में भारत के दूतावास ने शाह के खिलाफ आरोपों पर टिप्पणी के लिए भेजे गए संदेशों का तुरंत जवाब नहीं दिया। ट्रूडो की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नथाली ड्रोइन ने मंगलवार को समिति को बताया कि कनाडा के पास इस बात के सबूत हैं कि भारत सरकार ने सबसे पहले ‘राजनयिक चैनल और प्रॉक्सी’ के माध्यम से कनाडा में भारतीय नागरिकों और कनाडाई नागरिकों के बारे में जानकारी एकत्र की।
कनाडा के आरोपों से पहले 5 आईजी देशों (यूएस, यूके, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा) ने कहा था कि कनाडा ने भारत पर जो आरोप लगाये हैं, उसकी जांच भारत को कराना चाहिए। भारत को सारी जानकारी कनाडा को देना चाहिए। कनाडा भारत के साथ रिश्ते खराब करने में जुटा है। भारत ने भी ऐसे आरोप पर जबरदस्त पलटवार करते हुए इसे ‘बेहद कमजोर’ और ‘बकवास’ बताया है। भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि ये आरोप निराधार हैं और बिना किसी सबूत के लगाए गए हैं।