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रूस से S-400 खरीदने पर क्या भारत पर पाबंदी लगा पाएगा अमेरिका

रूस से S-400 खरीदने पर क्या भारत पर पाबंदी लगा पाएगा अमेरिका भारत को रूस से अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 की डिलीवरी शुरू हो गई है। पहले खबर थी कि इस साल के आखिर तक भारत को यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम मिलना शुरू हो जाएगा।

रूस से S-400 मिलने के साथ ही भारत और अमेरिका के रिश्ते में तनाव की बातें सामने आ रही हैं। जनवरी 20 21 में अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट में भारत को चेतावनी देते हुए कहा गया था कि अगर भारत रूस से S-400 खरीदने की दिशा में आगे बढ़ता है तो वह अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करने के लिए तैयार रहे।

अमेरिकी रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा था कि भारत का रूस के साथ एक खास स्ट्रैटेजिक सहयोग रहा है और हमने हमेशा एक स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई है और यह बात हमारे डिफेंस सेक्टर से जुड़े मामलों में भी लागू होती है। अब जबकि भारत को रूस की ओर से यह इस आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति हो रही है तो एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म है कि क्या अमेरिका भारत पर अपने कात्सा कानून के तहत प्रतिबंध लगा सकता है या नहीं।

अमेरिका ने 2017 में उत्तर कोरिया ईरान और रूस को सबक सिखाने के उद्देश्य से काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेक्शन एक्ट (CAATSA) पारित किया था। इस कानून के अंतर्गत रूसी रक्षा और खुफिया क्षेत्रों के साथ लेन-देन को लेकर बताये गए 12 प्रतिबंधों में से कम से कम 5 प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। अमेरिका ने लंबे समय से नाटो के सहयोगी रहे तुर्की पर रूस से S-400 खरीदने के आरोप में दिसंबर 2020 में प्रतिबंध लगा दिए थे।

S-400 दुनिया का सबसे एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम माना जाता है। इस सिस्टम में रॉकेट , मिसाइल, ड्रोन यहां तक कि लड़ाकू जेट सहित हर तरह के हवाई हमलों से बचने की क्षमता है। S-400 एक साथ 400 किलोमीटर दूर तक 72 टारगेट को तबाह कर सकता है। चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों के हमलों की काट के तौर पर S-400 भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

भारत की चिंता इसलिए भी जायज है कि चीन ने मार्च 2014 में रूस से S-400 खरीदने का समझौता किया था और 2018 में रूस ने उसे आपूर्ति भी शुरू कर दी थी। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ शुरू होने वाले गतिरोध में चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास S-400 को तैनात किया था लेकिन अमेरिका भारत की रक्षा चिंताओं की अनदेखी करते हुए रूस से S-400 खरीदने को लेकर नाराज है।

अमेरिका चाहता है कि भारत रूसी रक्षा प्रणालियों पर अपनी निर्भरता खत्म कर दे। हालांकि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समझौतों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन इन सबके बावजूद आज भी रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।

संभावित प्रतिबंधों की अमेरिकी चेतावनी को अनदेखा करते हुए भारत विदेश मंत्रालय के चुका है कि अमेरिका और भारत के बीच एक ग्लोबल स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप है लेकिन रूस भी भारत का एक खास स्ट्रैटेजिक पार्टनर है और भारत हमेशा से स्वतंत्र विदेश नीति अपनाता रहा है और यह बात हमारे डिफेंस सेक्टर से जुड़े मामलों में भी लागू होती है।

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