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सरकार, माधवी बुच पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? कांग्रेस का सवाल

सरकार, माधवी बुच पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? कांग्रेस का सवाल 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेबी चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर कई वीडियो में माधवी बुच पर सवाल उठाए जा रहे हैं। खेड़ा ने सवाल किया कि सरकार को माधवी बुच को बचाने की मजबूरी क्या है? और वह उन पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही?

कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि सेबी के नियमों के तहत माधवी बुच और सेबी के एक अन्य अधिकारी अनंत नारायण ने अपने पद से जुड़े नैतिक सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। पवन खेड़ा के अनुसार, माधवी बुच की मुंबई में एक संपत्ति है जो उन्होंने ग्रीन वर्ल्ड बिल्डकॉन एंड इन्फ्रा नामक कंपनी को किराए पर दी है, जिसके मालिक मुकुल बंसल और विपुल बंसल हैं। खेड़ा ने इन दोनों व्यक्तियों का इंडियाबुल्स से संबंध बताया, जो सेबी के अंतर्गत आता है। उनका कहना था कि इस संबंध से सेबी के कोड ऑफ कंडक्ट के सेक्शन 4, 7 और 8 का उल्लंघन होता है।

पवन खेड़ा ने आगे कहा कि माधवी बुच का संबंध एक और मामले से भी है, जिसमें उनका नाम उन कंपनियों में आता है जिनके निवेशकों के नाम प्रसिद्ध पैराडाइज पेपर्स में शामिल हैं। इनमें से एक कंपनी प्रेडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड भी है जिसे सरकार के स्टार्टअप फंड से वित्तीय सहायता मिली है। इस कंपनी में माधवी बुच के शेयर भी हैं। कांग्रेस का सवाल है कि माधवी बुच ने ऐसी कंपनी में शेयर क्यों रखे जिनका नाम पैराडाइज पेपर्स में आया है।

पवन खेड़ा ने सेबी के अधिकारी अनंत नारायण पर भी सवाल उठाए। अनंत नारायण ने अपनी मुंबई की संपत्ति थंगम विनोद राजकुमार को किराए पर दी, जो एक स्टॉक ब्रोकर हैं और सेबी के अंतर्गत आते हैं। इसके अलावा, अनंत नारायण के पास इंक्रेड कैपिटल के 70 करोड़ के शेयर हैं, जबकि इंक्रेड कैपिटल भी सेबी के अंतर्गत जांच के दायरे में है। खेड़ा ने इन संबंधों को सेबी के कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन बताते हुए कहा कि सरकार इन मामलों पर चुप क्यों है।

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