बिहार में 17 प्रतिशत वोट वाला मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता?: ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहाद-उल- मुस्लेमीन (एआईएमआईएम ) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मुसलमानों के राजनीतिक हक और जागरूकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब 3 प्रतिशत आबादी वाला उपमुख्यमंत्री बन सकता है, तो 17 प्रतिशत आबादी वाला मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता?
मंगलवार को गोपालगंज, ढाका और मुंगेर विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने महागठबंधन और सेक्युलर दलों पर मुसलमानों की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा और मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है।
ओवैसी ने कहा, “देखिए इनके राजनीतिक सोच को — 14 प्रतिशत वाला मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहा है और 3 प्रतिशत वाला उपमुख्यमंत्री बनने का दावा कर रहा है। जब मल्लाह का बेटा उपमुख्यमंत्री बन सकता है, तो आदम का बेटा मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता? जब 3 प्रतिशत वाला उपमुख्यमंत्री बन सकता है तो 17 प्रतिशत वाला मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता?”
उन्होंने यह बातें गोपालगंज विधानसभा सीट से अपनी पार्टी के उम्मीदवार अनस इस्लाम के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहीं। ओवैसी ने कहा कि, अब मुसलमानों को राजनीतिक रूप से जागरूक होना होगा और अपने हक के लिए खुद लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि दशकों से मुसलमानों के वोट का इस्तेमाल सत्ता हासिल करने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन बदले में उन्हें केवल नजरअंदाज किया गया है।
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मोदी को गुजरात की चिंता है, नीतीश कुमार को राजगीर की और लालू यादव को अपने बेटे की। इन तीनों में से किसी को जनता की चिंता नहीं है।” उन्होंने कहा कि, अब मुसलमान बेवकूफ बनने वाले नहीं हैं। यह आर-पार की लड़ाई होगी और मुसलमानों को अपना हक खुद लेना होगा।
ओवैसी ने आरजेडी और एनडीए दोनों पर हमला करते हुए कहा कि “लालू प्रसाद यादव के 15 साल ‘जंगल राज पार्ट वन’ थे, जबकि मौजूदा एनडीए सरकार ‘जंगल राज पार्ट टू’ है। दोनों ने ही मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है।उन्होंने कहा कि भाजपा ने एक भी मुसलमान उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया, यही है प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास’ की सच्चाई।
महागठबंधन और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पर तंज कसते हुए ओवैसी ने कहा, “महागठबंधन में 3 प्रतिशत वाला उपमुख्यमंत्री बनने का दावा कर सकता है, लेकिन 17 प्रतिशत वाला मुख्यमंत्री बनने का सपना क्यों नहीं देख सकता? 17 प्रतिशत मुसलमान अगर अपने वोटों से किसी और को मुख्यमंत्री बना सकते हैं, तो खुद क्यों नहीं बन सकते?”

