जो भी धर्मांधता को राजनैतिक हथियार बनाता है, वह तालिबानी सोच है: पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह
भारत में पिछले कुछ वर्षों में धर्म के नाम पर जो हिंसक घटनाएं हुई हैं, उसने हर सभ्य व्यक्ति और नैतिक मूल्यों के आधार पर ज़िंदगी गुज़ारने वाले को हिला कर रख दिया है।
एक के बाद एक हर ओर बढ़ती हुई मॉबलिचिंग की घटनाओं ने देशवासियों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं, और ऐसा केवल इसी लिए है कि प्रशासन की ओर से आरोपियों और अपराधियों पर ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है, हद तो यह है कि कई घटनाओं में CCTV फुटेज में अपराधियों के चेहरे पहचाने जा सकते हैं लेकिन फिर भी अज्ञात कह कर मामले को पेंडिंग में डाल दिया जाता है।
सोशल मीडिया पर कई बार ट्रेंड भी हो चुके हैं, कई बुद्धिजीवियों की ओर से देश के लिए इसे एक ख़तरनाक घटना बताते हुए ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार से मांग की है।
अभी कुछ ही दिन पहले कानपुर में एक ई रिक्शा चालक के साथ भी यही घटना हुई, कुछ लोग नारे लगाते हुए आए और उसे बुरी तरह से पीट कर चले गए, और उस भीड़ को इस बात पर भी रहम नहीं आया कि उस ई रिक्शा चालक के साथ उस समय उसकी छोटी बेटी साथ थी।
इसी धर्म के नाम पर हिंसक घटनाओं को लेकर सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखने वाले पूर्व IAS सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि जो भी धर्मांधता को हथियार बनाता है वह तालिबानी सोच ही है, भारत में भी तालिबानी सोच की झलकियां मिलना आज आम बात है।
ट्वीट में आगे उन्होंने कहा कि अभी कानपुर में जो हुआ वह क्या था? समाज में पढ़े लिखे तबक़े को इस सोच का प्रतिकार करना होगा।
जो भी धर्मांधता को राजनैतिक हथियार बनाता है,वह तालीबानी सोच ही है।
भारत में भी तालिबानी सोच की झलकियां मिलना आज आम बात है।
अभी #कानपुर में जो हुआ वह क्या था?
समाज के पढ़े लिखे तबके को इस सोच का प्रतिकार करना होगा।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) August 16, 2021