भाजपा कौन होती है किसी व्यक्ति के खानपान पर रोक लगाने वाली: ममता बनर्जी
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ‘खाना पकाने’ की पेशकश पर अलग-अलग राजनीतिक दलों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे ‘राजनीतिक एजेंडा’ करार दिया, वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने ममता की इस पेशकश को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा के बीच ‘सहमति’ बताया।
पश्चिम बंगाल में मछली और खान-पान को लेकर भी सियासत तेज हो गई है। ताजा मामले में राज्य की सीएम और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 13 मई को एक चुनाव सभा में पीएम मोदी को अपने हाथों से खाना बनाकर खिलाने की पेशकश की है। ममता बनर्जी की इस पेशकश के बाद खान-पान को लेकर भी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई हैं।
दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर वो (पीएम मोदी) चाहें तो मैं उनके लिए कुछ पकाने को तैयार हूं। मुझे पीएम मोदी के लिए खाना पकाकर खुशी होगी। मैं बचपन से ही खाना पका रही हूं। लोग मेरे हाथ के बने खाने की प्रशंसा करते हैं।
हालांकि मुझे यकीन नहीं है कि वो मेरे हाथ से पका खाना खायेंगे या नहीं खायेंगे। क्या वह मेरे हाथ का बना खाना खाएंगे? क्या वह मुझ पर भरोसा करेंगे? ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें जो पसंद है मैं वहीं पकाऊंगी। उन्होंने यह बयान सावन और चैत नवरात्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के नॉन-वेज खाने पर पीएम मोदी की टिप्पणी के जवाब में दिया है।
बता दें कि, PM मोदी ने पिछले महीने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर ऐसे समय में मछली खाने को लेकर कटाक्ष किया था, जिस दौरान हिंदू मांसाहार के सेवन से परहेज करते हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे ढोकला जैसे शाकाहारी व्यंजन और मछली करी जैसे नॉनवेज व्यंजन दोनों पसंद हैं। हिंदुओं के विभिन्न समुदायों और विभिन्न संप्रदायों के अपने अनूठे रीति-रिवाज और खान-पान हैं। भाजपा कौन होती है किसी व्यक्ति के खानपान पर रोक लगाने वाली।
प्रधानमंत्री के लिए खाना पकाने की बनर्जी की पेशकश पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रधानमंत्री मोदी शाकाहारी हैं। भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने ‘एक्स’ पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘ममता बनर्जी, मोदी जी को अपने हाथ की बनी मछली और चावल खिलाना चाहती हैं। अच्छा प्रस्ताव है। लेकिन उससे पहले वह अपने विश्वस्त फरहाद हकीम को सुअर का मांस खिलाइये? इससे तीन उद्देश्य पूरे होंगे।
पहला धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा मिलेगा, दूसरा लोगों को मालूम पड़ेगा कि कोई भी चीज घर से शुरू होती है और तीसरा पकौड़े की भी प्रशंसा हो जाएगी। भाजपा नेता संकुदेब पांडा ने दावा किया कि ममता ने जानबूझकर मोदी को यह जानते हुए आमंत्रित किया कि वह पूर्ण रूप से शाकाहारी हैं।